महराजगंज। जिले के परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की पदोन्नति की सूची एक साल से बन-बिगड़ रही है। इससे शिक्षकों में काफी निराशा है। करीब 2000 शिक्षकों को वर्षों से पदोन्नति का इंतजार है, लेकिन कई बार सूची के बनने-बिगड़ने से अब तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है। अब एक बार फिर पदोन्नति के लिए सूची बनाई गई है, जिमसें फिर से काफी विसंगतियों की चर्चा है।
जिले में संचालित परिषदीय स्कूलों में मानक से कम शिक्षक तैनात हैं। इनमें पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की अधिक कमी है, समय से पदोन्नति न होने अथवा बीएड अभ्यर्थियों की भर्ती न होने से जूनियर के बच्चों को शिक्षित करने में समस्या आती है। बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को तैनात हुए तीन वर्ष अथवा उससे अधिक समय हो गया है, अगर उनकी पदोन्नति कर दी जाए तो न सिर्फ शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी, बल्कि प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती की राह भी खु़लेगी।
वर्ष भर से सूची कई बार बनी-बिगड़ी है, मगर अभी उस पर निर्णय नहीं हुआ है। शिक्षक संतोष कुमार, मनीष व राजेश आदि का कहना है कि समय से पदोन्नति न होने से उनकी काफी क्षति हो रही है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष केशवमणि त्रिपाठी ने कहा कि पदोन्नति को लेकर पिछले वर्ष से ही सूची बनाई जा रही है, मगर अब तक उस दिशा में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है।
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तीन से लेकर पांच वर्ष में है पदोन्नति का नियम
परिषदीय स्कूलों में तीन व पांच वर्ष की सेवा अवधि पूरा होने पर पदोन्नति का प्रावधान है, मगर अक्तूबर 2016 के बाद से जिले में कोई पदोन्नति हुई ही नहीं है, जिससे लगभग 2000 शिक्षकों को पदोन्नति का इंतजार है।
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पदोन्नति के संबंध में विभाग की ओर से दिए गए दिशानिर्देश के मुताबिक सूची तैयार की गई है। कुछ त्रुटियों की बात सामने आई है, जिसे सही कराते हुए साफ-सुथरी सूची जारी की जाएगी। पदोन्नति का कार्यक्रम जारी होने के बाद प्रक्रिया शुरू होगी।
श्रवण कुमार गुप्ता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी