सब चीज़ सही है टैबलेट से दिक्कत नहीं है न होनी चाहिये । उन्हें हो जिन्होंने आज तक अपने निहित कर्तव्यों का पालन नहीं किया है या जिनके पति अधिकारी हैं और अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर स्कूल नही जाती जाते या जो नेता पथभृष्ट हैं ~
बस कुछ बात है दिमाग़ में –
* फ़र्ज़ कीजिये कोई शिक्षक स्कूल के लिये निकला परंतु उसके साथ कोई हादसा हो गया या घर में कोई बात हो गई दुर्घटना हो गई या कुछ भी ऐसा कि वो स्कूल तो पहुँच नही पाया और CL लेने का समय निकाल गया तो उसका क्या?
* कोई शिक्षक स्कूल आया लेकिन उसके घर में कोई हादसा हो गया और उसको स्कूल में उपस्थिति करने के बाद जाना पड़ गया तो क्या?
* किसी शिक्षक ने शादी की या किसी के यहाँ death हो गई तो उसके लिए कौन सी छुट्टी ली जाएँ क्योंकि मेडिकल लेगा और उसके ही किसी साथी ने मेडिकल पर सवालिया निशान लगा दिया तो उसके साथ साथ मेडिकल बनाने वाला भी नप गया कि अच्छा शिक्षक ब्याह के लिये मेडिकल लिया था और बेचारा फ़ोटो भी न डाल पाए।
* बता रहे हैं टैबलेट पर कभी भी call आ सकती है लेकिन अगर call न उठी तो उसका स्पष्टीकरण फिर उसकी कार्यवाही का क्या?
* मान लीजिये एक शिक्षक BLO duty में है , या बच्चे बुलाने या सरकारी स्कीम के तहत गाँव में गया हुआ है और इधर चल रहे हैं पढ़ाई के घंटे तो उसका क्या उधर से call आ गई तो फिर उसका क्या?
* कई बच्चे रिश्तेदारी में जाकर वापिस आते हैं महीनों में पर अभी क्या है हम उनका नाम नहीं काट सकते हैं पर ARP sigma rule के अनुसार कहते हैं काट दो और हमने काट दिया लेकिन उनके parents आकर हमारे ऊपर चढ़ते हैं कि नाम क्यों काट दिया और उधर इनकी बैंक खाते वाली स्कीम से नाम हटवाना सम्भव नहीं होता है तो उसका क्या?
सवाल सबके दिमाग़ में हैं ये स्कीम केवल दो कारणों से लाई गई है एक तो ये कि मास्टर को समझा जाता है कामचोर तो वो दिक्कत अब ख़त्म होगी लेकिन दूसरी दूरदर्शी बात ये है कि सरकारी स्कीम के लिए अब आप शाम तक बैठाए जाओगे इसका जीता जागता उदाहरण हर तीसरे मंगल को होने वाली किट्टी पार्टी या आप अब उसको नाम दो मंगल की पैठ।
मैं अब भी कह रहा हूँ टैबलेट का विरोध मत करो वो ठीक है लेकिन इन सवाल या वो सवाल जो आपके मन में भी हैं उस पर बात करो टैबलेट अच्छी व्यवस्था है उससे हरामखोरी तो ख़त्म होगी लेकिन corruption बढ़ेगा।
बाक़ी उन लोगों पर क़तई विश्वास न करें जो अपने संघ के मंचों पर अधिकारी बुलाकर अपने आप को बड़ा समझते हैं, ये बातें उनसे और चाटुकारों से कभी भी हल नहीं होंगी।
भगत सिंह कहे थे कमज़ोर और ताक़तवर के बीच कोई बातचीत या समझौता नहीं हो सकता है उसके लिये EQUALITY लानी होगी लेकिन अधिकारियों के साथ मंच साझा करने वाले कमज़ोर हैं।
#rana