बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में निपुण भारत मिशन के लक्ष्य को 2025-26 में हर हाल में पूरा करना है। शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने लक्ष्य पर जोर देते हुए प्रदेश में तैनात एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) को अग्रिम आदेश तक काम करने की अनुमति दी है। दरअसल 31 मार्च को सभी एआरपी का कार्यकाल समाप्त हो गया था।
इसलिए वह इसे लेकर असमंजस में थे। दरअसल शासन ने पिछले वर्ष 5 जनवरी को एआरपी के सेवा अवधि का विस्तार करते कार्यकाल 31 मार्च 2024 कर दिया था। इस बार फिर अग्रिम आदेश तक मौका दिया गया है। । इस स्थिति में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत संचालित गतिविधियों, क्रियाकलापों को जारी रखना होगा। साथ ही बेहतर समन्वय, गैप एनालिसिस, सतत अनुश्रवण व अकादमिक पहलुओं के संचालन के संबंध में प्रत्येक माह राज्य परियोजना कार्यालय की
ओर से केपीआई (की परफार्मेस इंडीकेटर्स) अप्रैल माह 2024 के लिए भेजे गए हैं। सभी कार्यों को समय पर पूरा करना होगा। जिम्मेदार अधिकारी को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित केपीआई को समय पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। इसकी प्रगति की समीक्षा मासिक बैठकों में की जाएगी।
2019 में शुरू की गई थी व्यवस्था
निपुण भारत मिशन के लिए शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद की पहल पर 2019 में ब्लॉक संसाधन एवं न्याय पंचायत संसाधन केन्द्रों के पुनर्गठन का फैसला किया गया था। बीआरसी में पूर्व नियुक्त एबीआरसी एवं न्याय पंचायतों के एनपीआरसी की मूल विद्यालयों में वापसी कर इनके स्थान पर हर ब्लॉक में 6 एआरपी की नियुक्ति की गई थी। प्रत्येक ब्लॉक में 5 एआरपी चयन प्रक्रिया द्वारा एवं एक एआरपी डायट मेटर के रूप में पदेन रूप में पदस्थापित किए गए थे।
आचार संहिता के बाद की जाएगी छंटनी
विभागीय जानकारों ने बताया कि आचार संहिता के बाद जिन एआरपी ने बेहतर कार्य किया है उनका कार्यकाल जारी रहेगा। जिनका कार्य अच्छा नहीं रहा है उनकी जगह दूसरों को मौका दिया जायेगा। दरअसल कई एआरपी की कार्यशैली पर भी सवाल उठते रहे हैं
निपुण भारत मिशन के लक्ष्य को पूरा करने पर जोर
दिया अभी पदों जा रहा है। एआरपी अपने पर रहते हुए कार्य करते रहेंगे। उनके लिए नये
शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए जो दिशा निर्देश जारी किए ए गये हैं उनके सभी कार्यों को र अनुसार समय से पूरा करना होगा। – कंचन वर्मा, स्कूल शिक्षा महानिदेशक