निपुण लक्ष्य पूरा करने में शिक्षक प्रशिक्षण कैलेंडर होगा सहायक
अमृत विचार : बेसिक शिक्षा
परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिलेगा। साथ ही अब अधिक समय शिक्षक विद्यालयों में पढ़ा सकेंगे। इसके लिए शिक्षक प्रशिक्षण कैलेंडर जारी कर दिया गया है। शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा की ओर से हुई इस पहल के बाद अब शिक्षक प्रत्येक वर्ष में सिर्फ 10 ही प्रशिक्षण में सम्मलित हो सकेंगे। इसके लिए सभी बीएसए और डायट प्राचार्यों को आदेश हो गए हैं।
विभाग के मुताबिक, शैक्षिक गतिविधियों के सफल संचालन के लिए शिक्षकों के बहुआयामी सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण की आवश्यकता है इस वर्ष 2024- 25 में आयोजित किये जाने वाले
प्रशिक्षण कार्यक्रमों का वार्षिक कैलेंडर तैयार किया गया है, इस कैलेंडर के लागू होने के बाद अब शिक्षकों को दिये जाने वाले प्रशिक्षण महानिदेशक की नई गाइडलाइन के अनुसार देना होगा।
एडीबेसिक करेंगे तीन ब्लॉकों का निरीक्षण : मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) की ओर से मंडल के प्रत्येक जनपद के कम से कम तीन विकास खंडों का निरीक्षण करना होगा। प्राचार्य, डायट एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से जिले के सभी विकासखंडों में संचालित शिक्षक प्रशिक्षण का निरीक्षण करना होगा। राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से दिशा-निर्देश के क्रम में यदि प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षक अनुपस्थित मिलते है तो बीईओ की जिम्मेदारी होगी।
▶ एक बैच में 50 शिक्षक होंगे शामिल
प्रशिक्षण में एआरपी व सभी डायट मेंटर्स व नामित संदर्भदाता की ओर से प्रतिभाग किया जायेगा। प्रशिक्षण के प्रभावी संचालन के लिए प्राचार्य, डायट की ओर से भौतिक संसाधनों की कमी को दूर करना होगा। एक बैच में शिक्षकों की संख्या 50 रहेगी।
> बार-बार एक ही शिक्षक नहीं बुला सकते
नए कैलेंडर के मुताबिक, एक वर्ष में एक शिक्षक को अधिकतम 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जायेगा, साथ ही यह सुनिश्चित किया जायेगा कि बार-बार एक ही शिक्षक को प्रशिक्षण में नहीं बुलाया जाए। इसके साथ ही जो शिक्षक संबंधित विषय में जानकारी रखते होंगे उन्हें ही उस विषय के प्रशिक्षण में प्रतिभाग किए जाने की अनुमति दी जायेगी।
» प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी
विकास खंड व जिला स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण के अनुसार, शैक्षिक तकनीको एवं गतिविधियों को कक्षा शिक्षण में लागू कराये जाने का उत्तरदायित्व प्रधानाध्यापक का होगा। प्रशिक्षण की ट्रैकिंग प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से की जायेगी, यदि प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक की ओर से छात्रों की गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक नहीं है तो उक्त शिक्षक की जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी
शिक्षण कार्य के बाद ही की जा सकेंगी ऑनलाइन गतिविधियां : ऑनलाइन शैक्षिक प्रशिक्षण एवं प्रशासनिक गतिविधियां विद्यालय के शिक्षण के बाद ही की जा सकेंगी। अकादमिक पाठ्यक्रम के अतिरिक्त शिक्षणेत्तर
गतिविधियां यथा रैली, अलग- अलग प्रतियोगिताएं, खेल-कूद, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगी परीक्षाएं सप्ताह के अंतिम दिन शनिवार को ही होंगी। इसके साथ ही प्रशिक्षण का वीडियो बनाकर भी देना होगा।