*बेसिक शिक्षा विभाग में 20 से 30 EL बढ़ाने को लेकर प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा, उ०प्र० 03 महीने में निर्णय लें*
*माननीय उच्च न्यायालय, उ०प्र० लखनऊ बेंच* को दायर याचिका के माध्यम से बताया गया कि बेसिक के शिक्षकों को अपनी शादी या अपने रक्त संबंधियों की शादी के लिए या तो ग्रीष्मकालीन या शीतकालीन छुट्टियों का इंतजार करना पड़ता है या मेडिकल लीव लें या किसी शिक्षक के यहां कोई ट्रेजडी होती है तब भी उसके पास एक मात्र यही विकल्प होता है (जबकि काफी विभाग एवम बैंक में अवकाश दिए जाते है जिसके साक्ष्य याचिका में लगाये गए)
कोर्ट ने इस पर परिषद के अधिवक्ता एवम स्टैंडिंग काउंसिल से पूछा तो दोनों अधिवक्तागण निरुत्तर थे सरकार की तरफ से याचिका का कोई विशेष विरोध नहीं किया गया।
कोर्ट ने रिप्रेजेंटेशन जो कि 29 अप्रैल 2023 को दिया गया था उसको 03 महीने के अंदर डिसाइड करने को बोला है और कोर्ट ने स्टैंडिंग काउंसिल से ओरली बोला की कोई सही रास्ता खोज के शिक्षकों की समस्या का समाधान करिए क्योंकि उनकी मांग जायज है भले ही इसके लिए आपको कोई नई पॉलिसी बनानी पड़े, क्योंकि इस केस में बहुत बड़ा वर्ग प्रभावित हो रहा है।
*याचिका की ड्राफ्टिंग एवं आज 23.01.2024 को 40 मिनट की दमदार बहस युवा अधिवक्ता अमित मिश्रा जी के द्वारा की गई जिनकी बहस के द्वारा ही बेसिक शिक्षा विभाग में EL का रास्ता खुलता नजर आ रहा है।*
सभी *शिक्षक संगठनों* को भी *EL* के लिए अपने स्तर से प्रयास करने चाहिए जिससे शासन हम शिक्षकों के हित मे रिप्रेजेंटेशन पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए कम से कम *20 से 30 EL* प्रदान करे।
29 अप्रैल 2023 के कोर्ट केस पर प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन को 03 महीने में निर्णय लेना है।
लीगल टीम
बेसिक शिक्षा, उ०प्र०