ह्यूस्टन। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने बुधवार को तीसरी बार अंतरिक्ष में उड़ान भरी। उन्होंने अपने सहकर्मी के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में सवार होकर इतिहास रच दिया। बोइंग के मिशन में
क्रू फ्लाइट टेस्ट सुनीता विलियम्स विलियम्स और बुच विल्मोर फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से
रवाना हुए। विलियम्स (58) फ्लाइट टेस्ट पायलट हैं, जबकि विल्मोर (61) मिशन के कमांडर हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा कि स्टारलाइनर के अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर डॉक करने के बाद विलियम्स व विल्मोर स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान और उसके उप-प्रणालियों का परीक्षण करने के लिए करीब एक हफ्ते तक स्टेशन पर रहेंगे। इस मिशन के सफल होने पर इतिहास में पहली बार अमेरिका के पास अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने के लिए दो यान हो जाएंगे। अभी अमेरिका के पास एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स क ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ही है। एजेंसी
अंतरिक्ष में 322 दिन बिताने वाली पहली महिला
साथ सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में रिकॉर्ड 322 दिन बिता चुकी हैं। वह पहली बार 9 दिसंबर 2006 को अंतरिक्ष में गई, और 22 जून 2007 तक वहां रहीं। इसके बाद वह 14 जुलाई 2012 को दूसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर गई और 18 नवंबर 2012 तक अंतरिक्ष में रहीं। इस दौरान उन्होंने चार बार स्पेस वॉक भी किया था। विलियम्स को 1998 में नासा ने एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना था।