नई दिल्ली, । केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में योगदान के लिए न्यूनतम मूल वेतन सीमा में बढ़ोतरी कर सकती है। इसे 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया जा सकता है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में इसका ऐलान हो सकता है।
वर्ष 2014 में हुआ था बदलाव बताया जा रहा है कि कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा दायरा बढ़ाने के लिए मंत्रालय 10 साल बाद नियमों में संशोधन की तैयारी कर रहा है। इससे पहले 01 सितंबर 2014 को वेतन सीमा 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये की गई थी। हालांकि, इससे उलट कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में वेतन की सीमा इससे ज्यादा है। वहां साल 2017 से ही 21,000 की उच्च वेतन सीमा है और सरकार के भीतर इस बात पर सहमति है कि दो सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत वेतन सीमा को एक जैसा किया जाना चाहिए। मौजूदा नियमों के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ईपीएफ खाते में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और प्रतिधारण भत्ता का 12-12 फीसदी का समान योगदान करते हैं।
जीपीएफ और सीपीएफ पर ब्याज 7.1 की दर से
लखनऊ। जनरल प्राविडेंट फंड (जीपीएफ), कंट्रीब्यूट्री प्राविडेंट फंड (सीपीएफ) तथआ कंट्रीब्यूट्री प्राविडेंट फँड एंड पेंशन इंश्योरेंस फंड की कुल जमा रकम पर एक अप्रैल से 31 जून 2024 तक 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा। वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस आशय का आदेश जारी किया है। जीपीएफ, सीपीएफ और सीपीएफ पेंशन इंश्योरेंस फंड की कुल जमा रकम पर वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए ब्याज की यह दर होगी