प्रदेश के राज्य या केंद्रीय विश्वविद्यालयों, विधि संस्थानों में कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा होने पर उन्हें डिग्री या मार्कशीट नहीं दी जाएगी। प्रवेश लेते समय ही छात्रों को इस बात का शपथ पत्र देना होगा कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं हैं। भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने सभी विश्वविद्यालयों को गाइडलाइन जारी कर दी है।
बीसीआई की तरफ से जारी पत्र में यह साफ कहा गया है कि यदि लॉ छात्रों ने जानकारी छिपाई तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उनकी डिग्री और मार्कशीट को भी रोक दिया जाएगा। यदि किसी छात्र के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज होता है या पहले से दर्ज होगा तो इसकी सूचना दी जाएगी। बीसीआई के आदेश पर ही छात्रों को अंतिम वर्ष की डिग्री और मार्कशीट दी जा सकेगी। वहीं, संस्थानों को अब कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। रिकार्डिंग को एक वर्ष तक संरक्षित भी करना होगा। छात्रों की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी।
- छात्र-छात्राओं के समग्र प्रगति (रिपोर्ट कार्ड) तथा परीक्षा संबंधी प्राप्तांक का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किये जाने विषयक
- शिक्षक सेवा सुरक्षा : धारा 21 की बहाली दिशा में एक कदम और
- एक और निलम्बन बता रहा है कि शिक्षकों में भय पैदा करने की कोशिश में सरकार की खामोशी भी शामिल है ।सरकार धारा 21 की बहाली के आश्वाशन से आगे बढ़कर कार्यवाही करें
- AGANWADI STATIONERY: स्टेशनरी आइटम्स कॉलोकेटेड आंगनवाड़ी सेंटर
- शीर्ष नौकरशाही में बदलाव, विनीत जोशी बने उच्च शिक्षा सचिव