लखीमपुर में, गांवों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को अब स्कूलों की सफाई का भी उत्तरदायित्व सौंपा गया है। स्कूलों की सफाई के लिए एक रोस्टर तैयार किया गया है, जिसमें सोमवार और गुरुवार को सफाई का समय निर्धारित किया गया है। सफाई कर्मचारी स्कूलों में जाकर सफाई करेंगे, जबकि अन्य दिनों में वे गांव की सफाई करेंगे। इस नई व्यवस्था के तहत, जिला पंचायतराज अधिकारी ने आदेश जारी किए हैं। यह निर्णय डीएम और सीडीओ के निरीक्षण के दौरान स्कूलों में सफाई की अनियमितताओं के कारण लिया गया है।
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जिला पंचायत राज अधिकारी, विशाल सिंह ने बताया कि परिषदीय स्कूलों की सफाई के लिए सोमवार और गुरुवार को चुना गया है, और सफाई कर्मचारी इन दिनों में स्कूल की सफाई के साथ-साथ गांव की सफाई भी करेंगे। सफाई कर्मचारियों के स्कूलों में सफाई न करने की शिकायतों के मद्देनजर, अब हेड टीचर से हर महीने सफाई की पुष्टि करने वाला एक प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा। इस प्रमाणपत्र में हेड टीचर यह पुष्टि करेंगे कि सफाई कर्मचारी ने निर्धारित दिनों में स्कूल की सफाई की है, और यह प्रमाणपत्र सफाई कर्मचारी के पेरोल के साथ जमा किया जाएगा। इसके बाद ही उनका वेतन जारी किया जाएगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य है कि सफाई कर्मचारी स्कूलों में जाकर नियमित रूप से सफाई करें।
विशाल सिंह ने यह भी बताया कि पेरोल फॉर्मेट में बदलाव किए गए हैं। अब सफाई कर्मचारियों को उनके द्वारा की गई सफाई की तारीख और स्थान की जानकारी पेरोल पर दर्ज करनी होगी। यदि गांव से कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो पेरोल की जांच करके यह पता लगाया जाएगा कि सफाई कर्मचारी ने शिकायत वाले स्थान पर कब सफाई की थी।