आगरा के परिषदीय स्कूलों में विकास कार्यों की वास्तविकता किरावली के भवनपुरा कंपोजिट विद्यालय में देखी जा सकती है, जहां पिछले 10 दिनों से परिसर में गंदा पानी भरा है। बच्चे टॉयलेट और पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। चार कमरों में आठ कक्षाएं चल रही हैं और शिक्षक एक बिल्डिंग से दूसरी तक ट्रैक्टर से पहुंच रहे हैं। गंदगी के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। उपजिलाधिकारी को शिकायत दी गई है, परंतु खंड शिक्षाधिकारी के जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विकास कार्यों में की गई औपचारिकता का खामियाजा गरीब बच्चे भुगत रहे हैं। इस स्कूल में 127 बच्चे पंजीकृत हैं और हाल ही में हुई बारिश से परिसर जलमग्न हो गया है।

- Primary ka master: मास्टरों का गांव: बुलंदशहर का सांखनी, जहां 700 घरों में 400 लोग हैं शिक्षक
- Primary ka master: एआरपी परीक्षा में 59 शिक्षक फेल, केवल 57 हुए उत्तीर्ण
- GOLD में होने जा रहा बड़ा खेल, Goldman Sachs ने की बड़ी भविष्यवाणी !
- Primary ka master: जिले के अंदर म्यूच्यूअल ट्रांसफर का लिंक एक्टिव नहीं
- Primary ka master: स्कूल चलो हेतु “कई वर्ष पूर्व लिखित पंक्तियां” (वर्तमान में पुनः प्रासंगिक)
गांव का गंदा पानी स्कूल में भर जाने से प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग से संपर्क कट गया है और जूनियर विद्यालय की नई बिल्डिंग का फर्श धंस गया है। टॉयलेट का मार्ग भी जलमग्न है और पानी भरने के कारण सबमर्सिबल पंप भी डूब गया है, जिससे पेयजल का संकट और गहरा गया है। शिक्षकों के अनुसार, 10 दिनों के बाद भी पानी नहीं निकला है।
बच्चों की संयुक्त कक्षाएं चलाई जा रही हैं, जहां कक्षा एक और दो, कक्षा तीन और चार, और कक्षा छह और सात को एक साथ बिठाया जा रहा है। गांव के गंदे पानी के कारण पूरे दिन बदबू बनी रहती है और पानी में सांपों की उपस्थिति से बच्चों में डर व्याप्त है। प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग में रखे सामान को ट्रैक्टर से निकाला गया है।
राष्ट्रवादी शिक्षक महासंघ के जिलाध्यक्ष कीर्तिपाल सिंह ने उपजिलाधिकारी और खंड शिक्षाधिकारी को स्थिति से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। गंदे पानी में पनपने वाले कीटों से बीमारी फैलने का खतरा है और बच्चे पानी से निकलने के लिए मजबूर हैं।