प्रयागराज, प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 40 हजार से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियों की जांच नहीं होगी। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ के पुलिस अधीक्षक ने एक अगस्त को माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में भर्ती के संबंध में अभिलेख उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।
- मा० न्यायालयों में योजित होने वाली याचिकाओं में प्रति शपथ-पत्र दाखिल किये जाने तथा उनमें पारित होने वाले अन्तरिम / अन्तिम आदेशों के अनुपालन की प्रक्रिया के संबंध में।
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जिसके बाद उप शिक्षा निदेशक रामचेत ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को 28 अगस्त को पत्र लिखकर दस जुलाई 1981 से 2020 के बीच प्रबंध समिति की ओर से संचालित सभी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियों के संबंध में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम-1982 की प्रमाणित प्रति, नियुक्त सभी अध्यापकों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सूची और नियुक्ति संबंधित मूल पत्रावली आदि उपलब्ध कराने को कहा था। यह पत्र जारी होने के बाद से ही जांच अवधि में नियुक्त
शिक्षकों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी का कहना है कि सभी 40 हजार से अधिक कर्मचारियों की जांच नहीं होगी। जिसके खिलाफ शिकायत होगी उसी की जांच कराई जाएगी। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव से भी पिछले दिनों मुलाकात की थी।
प्रदेश के एडेड माध्यमिक विद्यालयों में 10 जुलाई 1981 से 2020 के बीच नियुक्त अध्यापकों और कर्मचारियों में से अब तक एक चौथाई से अधिक अध्यापक और कर्मचारी सेवानिवृत हो चुके हैं। इनमें से कई अध्यापक व कर्मचारी दिवंगत भी हो गए हैं। वर्तमान में कार्यरत 90 प्रतिशत अध्यापक चयन बोर्ड से चयनित हैं। ऐसे में सभी शिक्षकों की जांच औचित्यहीन है।