प्रयागराज। जूनियर एडेड विद्यालयों में शिक्षक भर्ती की परीक्षा उत्तीर्ण कर 43,610 अभ्यर्थी दो वर्ष से नौकरी के लिए भटक रहे हैं। वह शिक्षा निदेशक से लेकर लखनऊ तक के चक्कर लगा रहे हैं और कई वार प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में एकेडमिक ब्लाक एवं बालिका छात्रावास एडीशनल डारमेट्री एवं कम्प्यूटर लैब के निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराते हुये कार्य प्रारम्भ कराये जाने के सम्बन्ध में।
- चंदौली : एस०एम०सी० खातों में वित्तीय वर्ष 2024-25 में भेजी गयी धनराशि के उपभोग के सम्बन्ध में।
- Primary ka master: शिक्षकों की कमी से परिषदीय विद्यालयों का फूल रहा दम
- Primary ka master : 38 प्रधानाध्यापकों को नोटिस, शिक्षक और एआरपी विभागीय आदेशों की अवहेलना करने से भी पीछे नहीं
- कहीं शिक्षक विहीन तो किसी विद्यालयों में शिक्षकों की भरमार
परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) ने 2021 में जूनियर एडेड विद्यालयों में शिक्षक और प्रधानाचार्य के 1894 पदों पर भर्ती
का विज्ञापन निकाला था। इसके लिए प्रदेश से लाखों आवेदन आए थे। इसकी परीक्षा 17 अक्तूबर-2021 को कराई गई। 150 अंकों की परीक्षा में 90 से अधिक अंक पाने वालों को सफल घोषित किया गया। इसका परिणाम 15 नवंबर-2021 को घोषित कर दिया। परिणाम आया तो कुछ अभ्यर्थियों ने उसको हाईकोर्ट में चुनौती दी।
उनका आरोप था कि परिणाम में गड़बड़ी हुई है। हाईकोर्ट के आदेश पर परिणाम संशोधित किया गया। पीएनपी ने संशोधित परिणाम छह सितंबर-2022 को जारी कर दिया। इसके खिलाफ भी कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। आदेश दिया कि संशोधित परिणाम के आधार पर चयन हो।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद चयन प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए थी। नियमानुसार रिक्त 1894 पदों के सापेक्ष काउंसलिंग होगी। सफल
अभ्यर्थियों की मेरिट बनेगी और रिक्त पदों के अनुसार चयन होगा। यह मामला बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल के पास लंबित है। पिछले दिनों कई अभ्यर्थी लखनऊ में निदेशक से मिले लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
इससे सफल अभ्यर्थियों में आक्रोश है। अभ्यर्थी ज्ञानवेंद्र सिंह ने बताया कि चयन प्रक्रिया न होने से उनका भविष्य अधर में अटका है। वह इसके लिए निदेशालय में आंदोलन करेंगे।