लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 1.48 लाख शिक्षामित्रों की मांगें पूरी करने के बारे में सरकार गंभीर है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह जल्द उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। अपने सरकारी आवास पर योगी ने शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर भाजपा के विधान परिषद सदस्यों श्रीचंद शर्मा, धर्मेन्द्र भारद्वाज और सुरेन्द्र चौधरी के साथ उनकी मांगों पर चर्चा की। शिक्षामित्रों को मानदेय बढ़ोतरी के साथ मूल जिले में वापसी का उपहार मिल सकता है.
योगी ने कहा कि वह इस विषय पर जल्द बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला और महामंत्री सुशील यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षामित्रों की समस्याओं के निराकरण को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं। अभी शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये प्रति महीने मासिक मानदेय दिया जा रहा है और अब इसमें बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। वहीं वर्ष 2014 में जिन शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया गया था और 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें शिक्षामित्र के पद पर वापस कर दिया गया, वे अब अपने मूल जिले में वापसी की मांग कर रहे हैं।
- न्याय पंचायत स्तर पर गठित शिक्षक संकुल द्वारा शिक्षकों की मासिक बैठक आयोजन हेतु धनराशि प्रेषण के संबंध में।
- डी०एल०एड० प्रशिक्षुओं के माध्यम से कराये जाने वाले आकलन के संबंध में।
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- उप शिक्षा निदेशक संस्कृत सीएल चौरसिया बहाल
ऐसी महिला शिक्षामित्र, जो शादी के बाद ससुराल से मायके वाले जिले के प्राइमरी स्कूल में नौकरी करने आती हैं, वे भी मूल जिले में वापसी की मांग कर रही हैं। शिक्षामित्र आकस्मिक अवकाश को 11 से बढ़ाकर 14 करने और मेडिकल की सुविधा की मांग भी कर रहे हैं। उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने लोकभवन में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद से भी मुलाकात की। विधानसभा उपचुनाव के बाद शिक्षामित्रों की मांगें पूरी हो सकती हैं।