बरेली। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला महामंत्री विनोद कुमार, जिला संगठन मंत्री जितेंद्र पाल सिंह एवं जिला कोषाध्यक्ष पुष्कर उपाध्यक्ष द्वारा बताया गया है कि प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जनपद बरेली की कार्यकारणी के गठन, निष्कासन के पत्र को एकल हस्ताक्षर से जारी कर दिया गया था, जो कि संगठन के विधान के खिलाफ और असंवैधानिक थे। इसको लेकर पहले भी कानूनी नोटिस भेजकर एजेंडा रजिस्टर, कार्यवाही रजिस्टर एवं नियमावली की प्रमाणित प्रति मांगी गई थी। एक माह पश्चात भी उत्तर न देने पर प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह को एक
सप्ताह का समय देते हुए पुनः नोटिस भेजा गया। दोनों नोटिस का जबाब न आने पर कार्यकारणी द्वारा प्रदेश अध्य्क्ष अजीत सिंह पर एकल हस्ताक्षर से अविधिक रूप से पत्र जारी करके पदाधिकारियों की सामाजिक छवि धूमिल करने पर न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसे न्यायालय ने स्वीकृत कर लिया है। कार्यकारी जिला अध्यक्ष/संगठन मंत्री जितेंद्र पाल द्वारा बताया गया है कि न्यायालय प्रक्रिया पर सब लोग भरोसा रखें, न्यायलय का निर्णय सर्व मान्य होगा। जब ज्ञापन के सारे पत्र अध्यक्ष और महामंत्री मिलकर जारी करते है तो बरेली की कार्य कारणी
के लिए एकल हस्ताक्षर से पत्र क्यों जारी किया गया। जिला महामंत्री विनोद कुमार ने बताया कि उन लोगो ने मेहनत करके जनपद में संगठन को ऊंचाई तक पहुंचाया है और आगे भी यही प्रयास कर रहे हैं। किन्तु प्रदेश अध्यक्ष द्वारा बिना किसी तथ्य के निराधार आरोपों के आधार पर और असंवैधानिक रूप से पत्र जारी करके बरेली के पदाधिकारियों की छवि को धूमिल की गई है यह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं की जा सकती। कोषाध्यक्ष पुष्कर उपाध्याय ने कहा कि हम न्यायालय की शरण में हैं और अपने अधिकार और आत्म सम्मान की लड़ाई हम सभी निश्चित ही लड़ते रहेंगे।