बदायूं। जिले में 52 स्कूल ऐसे हैं, जो बंद व एकल की श्रेणी में आते हैं। इन जगहों पर शिक्षकों की जरूरत है। इसको लेकर पूर्व में समायोजन प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो आगे नहीं बढ़ पाई। ऐसे में नौनिहालों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां पर छात्र-छात्राओं की संख्या कम और शिक्षक ज्यादा हैं, जबकि कई ऐसे हैं, जहां पर एक भी शिक्षक तैनात नहीं है। वहां पर केवल शिक्षामित्रों के हवाले ही छात्र-छात्राओं की जिम्मेदारी है। विभाग की नजर में ऐसे स्कूलों को बंद माना जाता है। वहीं एकल शिक्षक वाले भी कई स्कूल हैं।
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यहीं हाल जिले का है। यहां 52 परिषदीय स्कूल ऐसे हैं, जहां पर शिक्षकों की बेहद जरूरत है। यहां शिक्षामित्र या एकल शिक्षक तैनात हैं। इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने समायोजन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत जिले में 50 सहायक अध्यापक को सर प्लस में शामिल किया गया था, जबकि 143 प्रधानाध्यापक सर प्लस की श्रेणी में शामिल हुए हैं।
यह प्रधानाध्यापक सर प्लस में इसलिए शामिल हुए हैं कि क्योंकि शासन के मुताबिक 150 से कम छात्र-छात्राओं पर केवल शिक्षक ही तैनात रह सकते हैं। इससे कम से जो भी प्रधानाध्यापक तैनात है उनको हटाकर 150 से अधिक छात्र-छात्राओं की संख्या में स्कूल में भेजा जाना था। शासन के निर्देशों के अनुसार सभी प्रक्रिया पूरी करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पत्रावली भेज दी गई, लेकिन अगस्त से यह प्रक्रिया शासन स्तर पर लंबित पड़ी हुई। इसके पूर्ण होने के बाद में छात्र-छात्राओं को काफी राहत है।