प्रयागराज, प्रदेश के शासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 300 से कम छात्रसंख्या होने के बावजूद आधारभूत सुविधाओं के लिए उन्हें प्रोजेक्ट अलंकार के तहत आर्थिक सहायता दी जाएगी। यही नहीं 50 साल से कम पुराने स्कूलों को भी योजना के तहत संवारा जाएगा। इन प्रतिबंधों के कारण कई स्कूलों में आधारभूत संसाधन विकसित नहीं हो पा रहे थे। इस पर कुछ कॉलेजों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों के अनुरोध पर शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को नियमों में छूट का प्रस्ताव भेजा है।
- NAT EXAM : कैसे होगा NAT टेस्ट से ग्रेड का निर्धारण, जानिए
- 11वीं व 12वीं कक्षा में छात्रों को मिले तीन कौशल पाठ्यक्रम का विकल्प
- नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में सीनियरों ने जूनियर को पीटा
- JOB : कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी के लिए विज्ञप्ति जारी
- वेतन निर्धारण में गलती करने वालों को जवाबदेह बनाना चाहिए : हाईकोर्ट
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव की ओर से 30 जून को शासन को भेजे प्रस्ताव में 300 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालय जिनके भवन अत्यधिक जर्जर अवस्था में हैं, उनको भी योजना में शामिल करने का अनुरोध किया गया है। जिन विद्यालयों की मान्यता की अवधि 50 वर्ष पूर्ण नहीं हो रही है उनको भी अनुदान देने का प्रस्ताव दिया गया है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि सरकार की अनुमति मिलने के बाद
संशोधित नियमों के अंतर्गत सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधियों की ओर से सहायता राशि भी सीधे कॉलेजों को मिल सकेगी।
■ प्रोजेक्ट अलंकार में समाप्त होगी 300 छात्र की बाध्यता
■ शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को भेजा गया प्रस्ताव
■ 50 साल से कम पुराने स्कूलों को भी सहायता देंगे
75 प्रतिशत सरकार देती है अनुदान
प्रोजेक्ट अलंकार के तहत चयनित सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के लिए अनुमानित बजट का 75 प्रतिश सरकार देती है और 25 प्रतिशत संस्था प्रबंधन को देना होता है। कॉलेज 25 प्रतिशत की धनराशि सांसद-विधायक निधि से, बड़ी कंपनियों के कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के मद से और पुरा छात्रों, क्षेत्र के गणमान्य प्रतिष्ठित लोगों, जनप्रतिधियों, किसी व्यक्ति या संस्था से प्राप्त कर सकते हैं।