नई दिल्ली। केंद्र सरकार राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2025 से छात्रों को अनगिनत बार परीक्षा देने का विकल्प खत्म करने जा रही है। अगले साल से छात्र तीन से चार बार ही नीट-यूजी दे सकेंगे। साथ ही जेईई मेन की तरह एक दिन के बजाय परीक्षा कई दिनों तक पालियों में कराई जाएगी। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सुधार समिति ने पहली रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। हालांकि सरकार ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया है। अखिल भारतीय प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) के समय अभ्यर्थी तीन बार ही परीक्षा दे सकते थे।

- बेसिक शिक्षा परिषद् के नियंत्रणधीन प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक में कार्यरत शिक्षकों के पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के फलस्वरूप पदोन्नति के सूचना के संबंध में
- अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरित शिक्षको को कार्यमुक्त किये जाने के सम्बन्ध में।
- शैक्षिक सत्र 2025-26 में निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा तथा स्टेशनरी क्रय से सम्बन्धित धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित कराये जाने के सम्बन्ध में।
- अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण प्रक्रिया 2024-25 के फलस्वरूप अर्ह पाये गये शिक्षक एवं शिक्षिका को परस्पर उनके कार्यरत विद्यालय हेतु कार्यमुक्त एवं कार्यभार ग्रहण कराए जाने हेतु
- परिषद कार्यालय से मागे गये मार्गदर्शन के सम्बन्ध में निर्धारित प्रारुप पर सूचना उपलब्ध कराये जाने विषयक।
सूत्रों के अनुसार, पेन-पेपर से परीक्षा के कारण ही प्रश्नपत्र लीक हुए क्योंकि दूरदराज व ग्रामीण इलाकों में प्रश्नपत्र काफी पहले भेजने पड़ते हैं। समिति का सुझाव है कि इंजीनियरिंग की जेईई मेन की तर्ज पर मेडिकल दाखिले की नीट यूजी को हाइब्रिड मोड से कराया जाए। इसमें प्रश्नपत्र छापने का झंझट नहीं रहेगा। डिजिटल मोड से परीक्षा होने से प्रश्नपत्र कुछ समय पहले परीक्षा केंद्रों तक पहुंचेंगे। ओएमआर शीट पर छात्र उत्तर लिखेंगे। सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को सुरक्षित बनाए रखने के लिए डिजिटल मोड से पेपर परीक्षा केंद्र में पहुंचाता है।
हाइब्रिड मोड से परीक्षा का सुझाव : सूत्रों के मुताबिक सुधार समिति ने सीयूईटी, यूजीसी नेट समेत अन्य राष्ट्रीय प्रवेश व प्रतियोगी परीक्षाओं को कंप्यूटर आधारित, ओएमआर, हाइब्रिड मोड से कराने का सुझाव दिया है।