सैदाबाद, हिसं । बेसिक शिक्षा परिषद के दो राज्य पुरस्कार से सम्मानित सहित 19 अवकाश प्राप्त अध्यापकों को अवशेष महंगाई भत्ते का भुगतान 14 वर्ष बाद भी नहीं किया गया है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते वे भुगतान के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने बीएसए, डीएम, मंडलायुक्त समेत मुख्यमंत्री को प्रत्यावेदन भेजकर अवशेष धनराशि का भुगतान कराए जाने की मांग की है। इसके बावजूद उनका भुगतान विभाग नहीं कर रहा है।

- FAQ: स्थानांतरण के बाद कैसे पता लगे कि *मेरी मानव सम्पदा आईडी (ehrms) अभी मेरे नए स्कूल में ट्रांसफर हुई है या नहीं??
- विद्यालय मर्जिंग के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बयान👇
- 11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के आयोजन के अन्तर्गत आयुष मंत्रालय के पोर्टल पर विद्यालयों के रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में
- अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के कम संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को मर्जर किये जाने सम्बन्धी 16 जून 2025 के आदेश पर रोक लगाने के सम्बंध में
- संशोधित अन्तःजनपदीय स्थानांतरण एवं सरप्लस शिक्षक समायोजन के सम्बंध में
क्षेत्र के चौर बडेरा गांव निवासी गोपी कृष्ण त्रिपाठी बेसिक शिक्षा विभाग में बहादुरपुर विकासखंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोती नगर से 2012 में सेवानिवृत्त हुए
■ राज्य पुरस्कार से सम्मानित दो शिक्षक भी वंचित ■ 14 वर्षों से विभाग का चक्कर लगाने को हैं मजबूर
थे। इसी साल गोपीकृष्ण के साथ इसी ब्लॉक के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत 18 शिक्षक भी सेवानिवृत्त हुए। जीके त्रिपाठी का कहना है कि जनवरी से मई 2009, जुलाई से दिसंबर 2009, जनवरी से जुलाई 2010 और जुलाई से जनवरी 2011 तक के कार्यकाल में बढ़ी हुई अवशेष महंगाई का भुगतान विभाग ने उन्हें नहीं किया। कई बार शिकायत पर भी भुगतान न होने से परेशानी हो रही है