प्रतापगढ़। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्री- प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को गणित और हिंदी में दक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए संचालित किए जा रहे निपुण भारत मिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की गई है।
खंड शिक्षा अधिकारियों, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षित शिक्षक और स्पेशल रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) एवं संकुल शिक्षक को अब विद्यालयों को निपुण बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
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महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने पत्र भेजकर अधिक से अधिक विद्यालयों को निपुण बनाने के लिए गाइडलाइन जारी की है। अब बीईओ को ब्लॉक संसाधन केंद्र या फिर उनके कार्यालय के पास स्थित विद्यालय को निपुण बनाने की जिम्मेदारी लेनी होगी। वह प्राथमिक विद्यालय या फिर कंपोजिट विद्यालय में से किसी एक
विद्यालय का जिम्मा लेंगे। जिले के सभी ब्लॉकों के बीईओ को यह जिम्मेदारी दी जाएगी।
वहीं, डायट मेंटर को किसी भी ब्लॉक का विद्यालय आवंटित किया जाएगा। साथ ही एसआरजी को भी जिम्मेदारी दी गई है। दो- दो शिक्षकों को विद्यालयों को निपुण बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। पंचायत स्तर पर पांच-पांच शिक्षकों को एसआरजी बनाया गया है। यह सभी एक-एक विद्यालय की जिम्मेदारी लेंगे।
प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थी गणित और हिंदी में होंगे दक्ष
ऐसे विद्यालय जहां 80 प्रतिशत छात्र गणित और हिंदी में दक्ष होंगे, उन्हें निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। निपुण भारत मिशन की लक्ष्य प्राप्ति के लिए अब अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। वह नियमित अपने बिद्यालय की मॉनिटरिंग करेंगे और उसे निपुण बनाने में मदद करेंगे।
भूपेंद्र सिंह, बीएसए