नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार को अहम फैसले में कहा कि सरकार के पास सभी निजी संपत्तियों को अधिग्रहित कर उसका पुनर्वितरण का अधिकार नहीं है।
32 साल से लंबित मामले में संविधान पीठ ने 72 के बहुमत से फैसला दिया। संविधान पीठ ने कहा कि कुछ निजी संपत्तियां अनुच्छेद 39(बी) के अंतर्गत आ सकती हैं, बशर्ते वे ‘भौतिक संसाधन’ व ‘समुदाय के’ होने की योग्यताएं पूरी करती हों। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि निजी संपत्ति को समुदाय के भौतिक संसाधन के रूप में योग्य बनाने के लिए कुछ परीक्षण पूरा करना होगा। पीठ ने कहा, कोर्ट द्वारा विकसित सार्वजनिक ट्रस्ट सिद्धांत भी उनकी पहचान में मदद कर सकता है जो समुदाय के भौतिक संसाधन के दायरे में आते हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने एक फैसला खुद और छह अन्य जजों की ओर से लिखा है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने अलग लिखे फैसले से आंशिक सहमति दी, न्यायमूर्ति धूलिया ने असहमति जताई।