अमेठी सिटी। स्कूल से अनुपस्थित बच्चों को नियमित करने के लिए विद्यालयों में कई प्रकार के नियम बनाए गए हैं। यदि बच्चा बिना उचित कारण के तीन दिन गैरहाजिर है तो उसके घर फोन किया जाएगा। वहीं छह दिन या अधिक गैरहाजिर रहने पर हेडमास्टर स्वयं बच्चे के घर पहुंचेंगे।
जिले में आउट ऑफ स्कूल बच्चों के प्रशिक्षण के लिए तीसरे चरण में बीआरसी में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसमें जिले के सभी बीआरसी में प्रशिक्षण कार्य किया जा रहा है। गौरीगंज बीआरसी में प्रशिक्षक जगमोहन सिंह ने शिक्षकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आउट ऑफ स्कूल बच्चों के बारे में बताया। कहा कि छह से 14 वर्ष का कोई बालक-बालिका जिसने कभी प्रवेश नहीं लिया हो, नामांकन के पश्चात एक वर्ष में 30 या अधिक दिनों से
- NAS & NAT के सम्बंध में यूट्यूब सेशन,दिनाँक-06 नवम्बर 2024 समय : 11: 00 AM
- 5 रूपये प्रति छात्र प्रति दिवस की दर से पी०एम० पोषण (मध्यान्ह भोजन) योजनान्तर्गत अतिरिक्त पोषक तत्व उपलब्ध कराये जाने के निमित्त फ्लैक्सी फण्ड से प्रदेश के समस्त जनपदों के छात्रों को सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रिशन के अन्तर्गत ‘अतिरिक्त खाद्य सामग्री’ वितरण के सम्बन्ध में आदेश जारी
- दो अध्यापक अनुपस्थित व नामांकन के सापेक्ष बच्चे मिले कम
- दीक्षा पोर्टल पर शार्ट कोर्स करेंगे शिक्षक
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बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण में बताए गए नियम
अधिक अनुपस्थित रहा हो, वार्षिक मूल्यांकन में 35 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त किए हैं, तो उसे आउट ऑफ स्कूल माना जाएगा।
स्कूल से गैरहाजिर होने वाले बच्चों को बुलावा टोली, फोन या वाट्सएप आदि से संपर्क किया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी अर्जुन सिंह ने बताया कि गैरहाजिर बच्चों के विद्यालय वापस आने के बाद बच्चे के छूटे स्कूल कार्य को शिक्षक फिर से पढ़ाएंगे, जिससे उसका पिछला कार्य छूटने नहीं पाए। एक माह में छह दिनों से अधिक गैरहाजिर होने पर माता-पिता की काउंसिलिंग की जाएगी। तिमाही में 10 से अधिक दिनों तक अनुपस्थित है, तो माता-पिता की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। इस मौके पर एआरपी राजकुमार तिवारी, सचिन श्रीवास्तव, प्रशिक्षक प्रमोद कुमार त्रिपाठी आदि मौजूद रहे