भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) के वैज्ञानिक इंट्रैक्टिव गेमिंग रोबोट विकसित कर रहे हैं। यह रोबोट खेल-खेल में मंद बुद्धि बच्चों का दिमाग बढ़ाने में सक्षम होगा। प्रथम चरण में ट्रिपलआईटी के वैज्ञानिक स्पेन और रूस के विशेषज्ञों संग रोबोट के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं। इस सॉफ्टवेयर का उपयोग छोटे-बड़े रोबोट में आसानी से किया जा सकेगा।
- UP : यूपी में चली तबादला एक्सप्रेस, आधा दर्जन पीसीएस अफसर इधर से उधर; देखें पूरी लिस्ट
- Primary ka master: परिषदीय विद्यालयों में टोल फ्री नंबर पर दर्ज हो सकेंगी शिकायतें
- नवीन माड्यूल अंगीकृत किए जाने के संबंध में
- जल्द तय हो सकता है आरओ परीक्षा का प्रारूप
- शिक्षा सेवा आयोग से भी ले सकेंगे टीजीटी 2011 जीवविज्ञान के साक्षात्कार पत्र
आईटी विभाग के प्रो. वृजेंद्र सिंह ने बताया कि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए रोबोट विकसित किए जाएंगे। मशीन लर्निंग का उपयोग करके उनके साथ जुड़ने में शिशुओं की रुचि का अनुमान लगाया जाएगा। इसके आधार पर इस रोबोट से ऑटिज्म जैसे मानसिक विकारों से पीड़ित बच्चों की बेहतर देखभाल हो सकती है। ऑटिज्म एक मानसिक बीमारी है जिसके लक्षण बचपन से ही नजर आने लगते हैं।n
प्रो. सिंह ने बताया कि बॉट्स एक प्रोग्राम है, जो खुद ही यूजर से इंट्रेक्ट करता है। रोबोटिक्स और कंप्यूटिंग के क्षेत्र में इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं, जब आप ऑनलाइन कोई गेम खेलता है तो आपके साथ खेलने वाले दूसरे खिलाड़ी बॉट्स ही होते हैं। रोबोट खुद से 90 फीसदी तक यह सटीक पता लगा सकते हैं कि बच्चे उनके साथ व्यस्त थे या नहीं। इस प्रोजेक्ट में प्रो. वृजेंद्र सिंह के संग पीएचडी छात्रा अनिष्मा यादव काम कर रहीं हैं।
ऑटिस्टिक लोगों की बुद्धि का स्तर होता है भिन्न
प्रो. सिंह ने बताया कि ऑटिस्टिक लोगों की बुद्धि का स्तर कुछ भी हो सकता है। कुछ ऑटिस्टिक लोगों की बुद्धि औसत या औसत से अधिक होती है। कुछ ऑटिस्टिक लोगों में सीखने की अक्षमता
होती है। इसका मतलब है कि उन्हें खुद की देखभाल करने में कठिनाई हो सकती है और उन्हें दैनिक जीवन में मदद की जरूरत पड़ सकती है।
● ट्रिपलआईटी के वैज्ञानिक तैयार कर रहे इंट्रैक्टिव गेमिंग रोबोट
● यह रोबोट ऑटिस्टिक के बौद्धिक विकास में बनेगा मददगार
● स्पेन, ग्रीस देश के साथ मिलकर बनाया जाएगा रोबोटिक्स सॉफ्टवेयर