शाहजहांपुर। परिषदीय प्राथमिक, उच्चप्राथमिक और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में हमारे शिक्षक फोटो फ्रेम लगाने से कतरा रहे हैं। बार-बार पत्र लिखने के बावजूद जिलों से इसकी ढंग से जानकारी नहीं दी जा रही है। निरीक्षण के दौरान अधिकारी विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के बारे में जानकारी आसानी से ले सकें, इसलिए इसे लगवाया जा रहा है। खासकर निरीक्षण के समय कौन उपस्थित या अनुपस्थित है, इसकी जानकारी मिल जाएगी। अब स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से इन सभी विद्यालयों से हमारे शिक्षक फोटो फ्रेम लगाने के बारे में जानकारी मांगी गई है।
- जनपद में ऑडिट के संबंध में , आदेश जारी
- जिले में कार्यरत रसोइयों से एमडीएम से सम्बन्धित कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य न लिए जाने के संबंध में।
- फ्लैट में घुसकर शिक्षिका और उसके पति पर हमला, शिक्षक गिरफ्तार
- निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं उत्तर प्रदेश आधनियम-2009 निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011 के के अन्तर्गत प्रदेश के गैर अनुदानित विद्यालयों को छोड़कर समस्त विद्यालयों में प्रबन्ध समिति पुर्नगठन के सम्बन्ध में
- परिषदीय विद्यालयों की 1.25 लाख छात्राएं होंगी वित्तीय साक्षर
प्रति शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक 150-150 रुपये की धनराशि हर विद्यालय को भेजी गई थी। यह धनराशि बीते मार्च महीने में ही भेज दिया था, और 20 मार्च तक इन्हें विद्यालयों में प्रदर्शित किया जाना था। शिक्षक की फोटो सहित नाम, शैक्षिक योग्यता, उपलब्धि, विद्यालय में तैनाती की तारीख, आवंटित विषय, मोबाइल नंबर व आवंटित विषय इत्यादि की जानकारी दी जानी है। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी से इसके बारे में ब्योरा मांगा गया है। धन भेजे जाने के सात महीने बीतने के बावजूद शिक्षक फोटो फ्रेम लगाने वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।