rampur, परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए शिक्षक समय से पहुंच रहे हैं या नहीं, बच्चों को शुद्ध और अच्छी गुणवत्ता का मिड-डे मील मिल रहा है या नहीं आदि समस्याओं को लेकर अभिभावक अपनी बात सीधे शासन तक पहुंचा सकें, इसके लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया था।

- बेसिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित ऑनलाइन पोर्टल पर संचालित मॉड्यूल के सम्बन्ध में समीक्षा एवं सुझाव के सम्बन्ध में।
- अंतर्जनपदीय सामान्य ट्रांसफर की आधिकारिक सूची अभी तक जारी नहीं हुई है। जो सूची वायरल हो रही है ,वह आधिकारिक नहीं है अभी , देखें यह सूची
- खण्ड शिक्षा अधिकारियों हेतु 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के सम्बन्ध में।
- बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिका के अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में जनपद बरेली में कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति विषयक सूचना प्रेषण विषयक ।
- शैक्षिक सत्र 2025-26 में निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा तथा स्टेशनरी क्रय से सम्बन्धित धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित कराये जाने की अद्यावधिक प्रगति तथा अन्य महत्वपूर्ण प्रकरणों के सम्बन्ध में वर्चुअल बैठक।
बावजूद इसके जल्द निदान हो सके, लेकिन जिम्मेदारों ने अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए टोल फ्री नंबरों को दीवार से गायब ही कर दिया है। जिले में अधिकांश विद्यालयों की दीवारों पर ये नंबर गायब हैं। शासन शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और शिक्षकों की सौ प्रतिशत उपस्थिति के लिए गंभीर है, लेकिन धरातल पर स्थिति इससे बिल्कुल उलट है। स्थिति में सुधार के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने टोल फ्री नंबर जारी किया। इस नंबर को स्कूलों की दीवार पर लिखवाने के निर्देश दिए, ताकि अभिभावक को स्कूल में किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने पर विभागीय अधिकारी से भी समस्या का समाधान न होने पर भटकना न पड़े।
घर बैठे ही वे शिकायत करा सकें। विभाग की ओर से बीएसए के साथ ही बीईओ और जिला समन्वयकों को समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करते रहने के आदेश हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार को नंबर लिखवाए जाने की सुध ही नहीं है। साफ है कि या तो अधिकारी कागजों में ही निरीक्षण कर रहे हैं या वे देखकर भी अनजान बने हैं।