अमरोहा। परिषदीय स्कूलों में
बच्चों को भाषा और गणित में निपुण बनाए जाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए शिक्षकों के साथ-साथ अब खंड शिक्षा अधिकारियों व संकुल शिक्षकों को भी स्कूलों को निपुण बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
- जनपद में ऑडिट के संबंध में , आदेश जारी
- जिले में कार्यरत रसोइयों से एमडीएम से सम्बन्धित कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य न लिए जाने के संबंध में।
- फ्लैट में घुसकर शिक्षिका और उसके पति पर हमला, शिक्षक गिरफ्तार
- निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं उत्तर प्रदेश आधनियम-2009 निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011 के के अन्तर्गत प्रदेश के गैर अनुदानित विद्यालयों को छोड़कर समस्त विद्यालयों में प्रबन्ध समिति पुर्नगठन के सम्बन्ध में
- परिषदीय विद्यालयों की 1.25 लाख छात्राएं होंगी वित्तीय साक्षर
बच्चों के सीखने की क्षमता को आसान बनाने के लिए निपुण भारत मिशन के तहत छात्र छात्राओं को विषय सामग्री के जरिये शिक्षण कार्य कराया जाना है। बच्चों को निपुण बनाने के लिए लगातार अभ्यास भी कराया जा रहा है।
इसके लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। न्याय पंचायत स्तर पर पांच-पांच शिक्षकों को संकुल शिक्षक बनाया गया है। इन्हें भी एक एक विद्यालय निपुण बनाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। ताकि परिषदीय स्कूलों में प्री प्राइमरी से कक्षा दो तक के छात्र गणित और भाषा विषय में पढ़ाई में होशियार रहे।
जिले में 245 संकुल शिक्षक इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे। बीईओ को एक-एक, एआरपी को दस व एसआरजी (स्पेशल रिसोर्स ग्रुप) को पांच स्कूलों की जिम्मेदारी दी गई है। जिला समन्वयक भी एक-एक स्कूल को निपुण बनाने की जिम्मेदारी लेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. मोनिका ने बताया कि बच्चों को निपुण बनाने के लिए शिक्षकों के साथ-साथ बीईओ एवं संकुल शिक्षकों की भी जिम्मेदारी तय की गई है।