गोंडा। नवंबर माह में परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की उपस्थित कम होने से शिक्षक परेशान है। इस माह 12 नवंबर तक 1 लाख 22 हजार 336 विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्कूल नहीं आए। अक्तूबर – के बाद बच्चों से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति दस फीसदी तक कम हुई है। इस पर नाराजगी जताते हुए बीएसए अतुल तिवारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति – बढ़ाने के निर्देश दिया है। साथ ही प्रधानाध्यापकों को भी चेताया गया है कि हाजिरी में सुधार न आने पर उन्हें कार्रवाई के घेरे में लाया जाएगा।
- बीईओ कार्यालय का दरवाजा खिड़की तोड़ लाखों की चोरी
- Primary ka master: वायु प्रदूषण के बढते स्तर को देखते हुए जिले में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालय आज बंद रहेंगे
- अवसर: 930 करोड़ से 90 लाख विद्यार्थियों को होगा लाभ
- विधानसभा उपचुनाव : यूपी की 9 सीटों पर प्रचार थमा, मतदान कल
- कर्मचारी को सजा के प्रस्ताव पर मौखिक साक्ष्य जरूरी’: सुप्रीम कोर्ट
परिषदीय स्कूलों में अक्तूबर में 3 -लाख 10 हजार 382 विद्यार्थियों में 2
बीएसए ने दिया 30 नवंबर तक औसत हाजिरी दुरुस्त करने का निर्देश
लाख 19 हजार 408 की हाजिरी दर्ज हुई थी। उपस्थिति का यह प्रतिशत 70.68 फीसदी था। इसके बाद 12 नवंबर तक बच्चों की हाजिरी में करीब दस फीसदी तक की कमी दर्ज हुई है। जबकि नए पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 12 नवंबर तक 3 लाख 12 हजार 272 विद्यार्थियों में 1 लाख 89 हजार 936 विद्यार्थी ही स्कूल तक पहुंचे। उपस्थिति का यह प्रतिशत 60.82 फीसदी रहा। इस तरह अक्तूबर माह के मुकाबले बच्चों की हाजिरी में दस फीसदी की कमी से विभाग की प्रगति पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। अधिकारियों को सबसे ज्यादा
परेशानी सीएम डैशबोर्ड से होने वाली समीक्षा को लेकर हो रही है। डीएम नेहा शर्मा ने भी स्कूलों में कम हो रही बच्चों की उपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए 30 नवंबर तक इसमें सुधार लाने की चेतावनी भी दी है।
परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम होने पर पूर्व में कार्रवाई भी हो चुकी है। डीएम ने बीएसए को मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि दी थी। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई थी। इससे अक्तूबर में उपस्थिति में सुधार हुआ था। इसके बाद नवंबर में एक बार फिर स्थिति चिंताजनक बनी है। सहायक शिक्षा निदेशक रामसागर पति त्रिपाठी ने बताया कि छात्रों की उपस्थिति बेहतर बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। नियमित समीक्षा की जा रही है।