नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का फर्जी फोन कॉल का पता लगाने से संबंधित नया नियम 11 दिसंबर से लागू होगा। पहले इसे एक दिसंबर से लागू किया जाना था।
- सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) 2025 के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी 📡
- परिषदीय शिक्षक समेत अनुपस्थित 21 अनुदेशक,शिक्षामित्रों को नो वर्क नो पे
- Primary ka master: परिषदीय विद्यालयों की अवकाश तालिका जारी, चार अवकाश का नुकसान
- शिक्षकों के साथ संवाद स्थापित करने तथा आगामी प्राथमिकताओं के संबंध में अभिमुखीकरण हेतु 27 दिसम्बर को आयोजित होगा यूट्यूब सेशन
- कहीं गुजर न जाए तबादलों का ये भी मौसम, तबादले की आस लगाए बैठे बेसिक शिक्षकों को डर
इस नियम के लागू होने के बाद किसी भी संदेश के शुरुआती सोर्स का पता लगाने में मदद मिल सकेगी। इससे फर्जी कॉल करने वालों की पहचान उजागर हो सकेगी। साथ ही बैंक धोखाधड़ी जैसी तमाम तरह की ऑनलाइन समस्याओं को झेल रहे मोबाइल फोन धारकों को भी बड़ी राहत मिल सकती है। मैसेज ट्रेसिबिलिटी वाले नए नियम के लागू होने से मोबाइल फोन पर आए संदेशों के भेजने वाले का पता लग सकेगा। इस सिस्टम में बैंकिंग व प्रचार वाले टेलिमार्केटिंग संदेशों को अलग-अलग रखा जा सकेगा। ट्राई ने कहा, इस नियम से नेटबैंकिंग व आधार ओटीपी मिलने में दिक्कत नहीं होगी