लखनऊ। सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड जाकर पड़ताल शुरू कर दी है। ईडी की दो सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को भर्ती बोर्ड के अधिकारियों से मिलकर उनसे परीक्षा कराने वाली कंपनी का चयन करने के लिए जारी टेंडर के दस्तावेज मांगे हैं। साथ ही, गुजरात की एजुटेस्ट कंपनी को टेंडर देने वाली चयन समिति के सदस्यों के नाम भी बताने को कहा है। ईडी जल्द ही भर्ती बोर्ड के कुछ अफसरों को तलब कर सकता है।
सूत्रों की मानें तो ईडी की जांच में सामने आया है कि भर्ती बोर्ड ने गुजरात की जिस कंपनी को टेंडर देने का फैसला किया था, उसे कुछ दिन पहले बिहार में भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। इसके बावजूद बिना बैकग्राउंड पता लगाए भर्ती बोर्ड के अधिकारियों ने उसे काम दे दिया।
अब ईडी के अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि टेंडर में कार्यदायी संस्था का चयन करने के लिए क्या शर्तें रखी गई थीं। एजुटेस्ट को काम देने का फैसला समिति के सदस्यों ने सामूहिक लिया था अथवा शासन स्तर की सिफारिश पर काम दिया था।
ईडी की इस कवायद के बाद अब भर्ती बोर्ड को कंपनी के चयन के बारे में सारी जानकारियां देनी होंगी। इसके बाद ईडी कार्यदायी संस्था के चयन से जुड़े सभी अधिकारियों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब करेगा।
एजुटेस्ट, प्रिंटिंग प्रेस, टीसीआई को जाएगा नोटिस
ईडी परीक्षा कराने वाली एजुटेस्ट कंपनी, पेपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस और ट्रांसपोर्ट कंपनी टीसीआई एक्सप्रेस के संचालकों को भी नोटिस जारी करने जा रहा है। बता दें, टीसीआई एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कंपनी के अहमदाबाद स्थित वेयरहाउस से पेपर चोरी हुआ था। वहीं एजुटेस्ट के संचालक विनीत आर्य को एसटीएफ ने भी नोटिस दिया था। हालांकि, वह पेपर लीक होने के तुरंत बाद अमेरिका चले गए थे और एसटीएफ के सामने पेश नहीं हुए थे। अब ईडी उनको बाकियों के साथ नोटिस देकर तलब करने जा रहा है।