आज के अंक में दैनिक जागरण ने उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षकों को दिए जाने वाले शिक्षक पुरस्कार के मानकों को लेकर सम्पादकीय लिखा है। वस्तुतः राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए 75 जनपदों में से 46 जनपदों के शिक्षकों ने आवेदन नहीं किया है।
गत वर्ष से आवेदन करने वाले शिक्षकों के विद्यालयों में न्यूनतम छात्र संख्या निर्धारित कर दी है, जो कि अव्यवहारिक है। यह सही है कि छात्र संख्या शिक्षकों के कार्यो पर भी निर्भर करती है, लेकिन केवल शिक्षकों के कार्यों पर निर्भर करती है, यह सही नहीं है। इसके लिए गाँव का आकार, गाँव में एक से अधिक विद्यालयों का होना आदि बातें भी प्रभावित करती हैं। अतः यह न्यूनतम संख्या प्राथमिक विद्यालय के लिए 50, उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए 40 या 50 तथा कम्पोजिट विद्यालय के लिए 100 होना उचित रहेगा।
न्यूनतम सेवा 15 वर्ष उचित है। किसी भी शिक्षक को कम से कम 15 वर्ष सेवा करने के बाद ही पुरस्कार के बारे में विचार करना चाहिए।
वैसे अच्छे शिक्षक पुरस्कार के लिए कार्य नहीं करते हैं। वे अनवरत अच्छा कार्य इसलिए करते हैं, क्योंकि अच्छा कार्य करना मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है।
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