लखनऊ। एमनेस्टी योजना में लक्ष्य पूरा न करने पर गोरखपुर में राज्य कर विभाग के 68 अधिकारियों को निलंबन की चेतावनी देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। गोरखपुर में राज्य कर के 76 अधिकारी तैनात हैं। इनमें सिर्फ आठ को जीवनदान मिला है। इतनी बड़ी संख्या में निलंबन की चेतावनी देते हुए कारण बताओ नोटिस आज तक किसी विभाग में नहीं जारी किए गए।

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- यू-डायस प्लस पोर्टल पर सत्र 2024-25 में नामांकित बच्चे जो ड्राप बाक्स में कक्षा 05 में प्रदर्शित हैं, को अध्यापकों द्वारा बिना जानकारी प्राप्त किये ही इनएक्टिव कर दिये जाने के सम्बन्ध में।
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- शैक्षिक सत्र 2025-26 में उच्च प्राथमिक विद्यालयों, कम्पोजिट विद्यालयों तथा के०जी०बी०वी० में मीना मंच के पुनर्गठन तथा साप्ताहिक गतिविधियों एवं प्रमुख दिवसों के आयोजन हेतु कैलेण्डर जारी किये जाने के सम्बन्ध में।
- BPSC Teacher मकान किराया भत्ता अपडेट करने के संबंध में
राज्य कर विभाग में पेश एमनेस्टी योजना 31 मार्च तक प्रभावी है। इस योजना में शामिल होने वाले व्यापारियों को वर्ष 2018-19, 19-20 और 20-21 के बकाया में बड़ी राहत दी गई है। इसका लाभलेने पर व्यापारी को सिर्फ टैक्स जमा करना पड़ेगा और ब्याज व जुर्माना पूरी तरह माफ हो जाएगा। राज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज के निर्देश पर जोनल एडिशनल कमिश्नरों ने प्रत्येक अधिकारी | को रोजाना पांच व्यापारियों को इस योजना
निलंबन की चेतावनी के साथ थमाया गया कारण बताओ नोटिस सिर्फ आठ ने पूरा किया लक्ष्य
में शामिल करने का लक्ष्य दिया है। जो अधिकारी इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगा, उसे निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी क्रम में गोरखपुर जोन के अपर आयुक्त ग्रेड वन राजेश सिंह ने अपने जोन के संयुक्त आयुक्त कॉर्पोरेट, उपायुक्त सहायक आयुक्त और राज्य कर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि गोरखपुर जोन की समीक्षा में पाया गया कि सिर्फ आठ अधिकारियों ने ही पांच या इससे अधिक केस दाखिल कराए हैं। शेष 68 में 34 अधिकारियों ने एक भी केस दाखिल नहीं कराया और 34 अधिकारियों ने 5 से कम केस दाखिल कराए हैं। जोन की स्थिति संतोषजनक न होने से प्रमुख सचिव ने लक्ष्य पूरा न करने वालों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
काम के प्रति उदासीनता बरत रहे
एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन की ओर से जारी इस पत्र में कहा गया है कि राज्य कर अधिकारियों द्वारा एमनेस्टी योजना में रुचि नहीं ली जा रही है और अपेक्षा के अनुरूप निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे साफ है कि लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में रोजाना 5 केस दाखिल न कराने वाले अधिकारियों से यह पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ उनके निलंबन का प्रस्ताव मुख्यालय भेज दिया जाए। इस मामले में सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांग लिया गया है जिसे सोमवार को राज्य मुख्यालय भेजा जाएगा।
अन्य जोन से भी मांगा गया ब्योरा : सूत्रों
के मुताबिक ऐसे स्पष्टीकरण, कारण बताओ नोटिस और निलंबन की चेतावनी वाले पत्र प्रदेश के अन्य जोन से भी मांगे गए हैं। जिन्हें तैयार करके राज्य कर मुख्यालय भेज दिया गया है। मालूम हो कि प्रदेश में राज्यकर के 1200 में से लगभग 1000 अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई का खतरा है क्योंकि ये अधिकारी शासन से तय लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम साबित हुए हैं।