फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने वाले वाले 22 शिक्षकों से रिकवरी होगी। बर्खास्तगी के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने उनसे रिकवरी की प्रक्रिया तेज कर दी है
11 बर्खास्त शिक्षकों के वेतन का हिसाब मिल गया है। लेखा विभाग के मुताबिक 11 फर्जी शिक्षकों को 12 साल में बतौर वेतन करीब आठ करोड़ रूपये भुगतान किया गया। लेखा विभाग की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंप दी गई है।

- जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली है. वह देश के 52वें चीफ जस्टिस बन गए हैं
- पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार को संघ लोक सेवा आयोग UPSC का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में योजित याचिका संख्या-5146/2024 प्रतिमा वर्मा व अन्य बनाम उ०प्र० राज्य व अन्य के सम्बन्ध में।
- शैक्षिक सत्र 2024-25 में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षिका के अन्तर्जनपदीय एवं अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में
- 413 शिक्षकों को मिलेगा जिले से बाहर स्थानांतरण का मौका
रिकवरी के लिए जल्द ही बेसिक शिक्षा विभाग फर्जी शिक्षकों के गृह जनपद के जिला प्रशासन को सूची सौंपेगा। इसमें सबसे अधिक जौनपुर, प्रयागराज, गाजीपुर के शिक्षक शामिल है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि 22 फर्जी शिक्षकों को 12 साल में बतौर वेतन 15 करोड़ रूपये भुगतान किया गया है।
जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं।
इसमें चार हजार से अधिक शिक्षक तैनात है। शासन स्तर से जरूरत के हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। एक दशक पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया कागजों में ही चलती थी। पांच साल पूर्व से प्रेरणा पोर्टल पर सबकुछ ऑनलाइन होने पर फर्जी अभिलेख के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों की पोल खुलने लगी।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से लेकर अन्य विश्वविद्यालयों की डिग्री संदिग्ध मिली। सत्यापन होने पर दूसरे के अभिलेख पर नौकरी करते हुए 22 शिक्षक मिले। बेसिक शिक्षा विभाग ने सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर 2023 से लेकर मार्च 2025 तक 22 शिक्षकों को बर्खास्त किया।
2023 से लेकर 2024 तक बर्खास्त 11 शिक्षकों के वेतन की रिपोर्ट लेखा विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग को सौंप दिया है। फर्जी शिक्षकों की अन्य जानकारी जुटाई जा रही है।