सुप्रीम कोर्ट ने 28 मार्च तक स्वीकृत पदों की संख्या बताने के दिए निर्देश
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्त्वपूर्ण आदेश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष जरूरतों वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों के स्वीकृत पदों की करने का निर्देश दिया है। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि 2021 के फैसले के बावजूद, किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऐसे स्वीकृत पदों पर नियुक्तियां नहीं कीं।

- शिक्षामित्रों की OPS मांग हेतु याचिका इलाहाबाद highcourt से disposed
- Primary ka master: बीईओ ने गैरहाजिर हेडमास्टर का वेतन रोका, मांगा स्पष्टीकरण
- संतोषनक नहीं मिली शिक्षा की गुणवत्ता, रोका प्रधानाध्यापक का वेतन
- ई-रिक्शा की टक्कर से शिक्षा मित्र घायल
- 24 शिक्षकों को अंग वस्त्र, स्मृति चिह्न देकर किया सम्मानित
संख्या 28 मार्च तक अधिसूचित मामला
पीठ ने कहा कि वास्तव में, अधिकांश राज्यों ने विशेष जरूरतों वाले बच्चों से संबंधित आंकड़े होने के बावजूद राज्य में आवश्यक स्वीकृत पदों की पहचान भी नहीं की। प्रत्येक राज्य व केंद्र शासित प्रदेश को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों के लिए स्वीकृत पदों की संख्या के बारे में अधिसूचना जारी करनी होगी।
पीठ ने शुक्रवार के आदेश में कहा कि पदों को स्वीकृत करने और अधिसूचित करने के बाद, तीन सप्ताह के भीतर 28 मार्च, 2025 को या उससे पहले शिक्षा विभाग और संबंधित राज्य सरकार की वेबसाइटों के अलावा उस राज्य में व्यापक प्रसार वाले कम से कम दो अखबारों में विज्ञापन देने होंगे।
■ पीठ वकील प्रशांत शुक्ला के माध्यम से रजनीश कुमार पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में विशेष शिक्षकों की कमी का दावा किया गया है। 17 शिक्षकों ने दावा किया कि उन्होंने विशेष जरूरतों वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण लिया है।