नई दिल्ली, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को राज्यसभा में शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष और खासतौर पर डीएमके पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि वे भाषा के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
त्रिभाषा फॉर्मूले पर विवाद के बीच प्रधान ने कहा कि तमिल भाषा को लेकर मोदी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि तमिल भाषा अत्यंत प्राचीन है और भारत की सांस्कृतिक यात्रा में इसका बहुत योगदान है।

हम तमिलनाडु की संस्कृति और भाषा की गरिमा का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने सबसे पहले काशी तमिल संगमम की शुरुआत की। एनईपी के तहत किसी भाषा को थोपा नहीं जा रहा बल्कि नई शिक्षा नीति में यह प्रावधान है जिसके तहत राज्य में पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई तमिल भाषा में कराई जाएगी।
शिक्षा जगत में हो रहे सुधार के बारे में बताया
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने एनईपी के तहत शिक्षा जगत में हो रहे सुधार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को महत्व दिया गया है। स्कूली शिक्षा के स्तर पर ही कौशल विकास पर जोर दिया गया है।