परिषदीय विद्यालयों में सात साल से शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं होने से करीब 15 लाख डीएलएड, बीटीसी व सीटीईटी अभ्यर्थी नौकरी के लिए भटक रहे हैं।

परिषदीय विद्यालयों में सहायक – अध्यापक भर्ती के लिए वर्ष 2018 में दो विज्ञापन जारी किए गए थे। पहला विज्ञापन 68,500 पदों और दूसरा विज्ञापन 69 हजार पदों पर भर्ती के लिए आया था। 68,500 – शिक्षक भर्ती में 27,713 पद रिक्त रह गए थे।
न्यायालय ने तीन माह के भीतर नया विज्ञापन जारी कर नियुक्ति
की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।
डीएलएड मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशु यादव का कहना है कि न्यायालय के आदेश को सात माह बीत चुके हैं लेकिन नई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। प्रतिवर्ष 2.10 लाख अभ्यर्थी कोर्स करते हैं और इसके बाद नौकरी के लिए भटकते हैं। डीएलएड समेत उत्तर
प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) उत्तीर्ण 15 लाख अभ्यर्थियों को नई भर्ती का इंतजार है।
परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के पास है। आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय
28 अप्रैल से लखनऊ में बेमियादी धरने की घोषणा
डीएलएड प्रदेश मोर्चा ने नई भर्ती के लिए 28 अप्रैल से लखनऊ में सचिवालय के सामने बेमियादी धरने पर बैठने की घोषणा की है। मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशु यादव का कहना है कि जब तक नई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं होती, धरना जारी रहेगा
तीन बार बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों के साथ बैठक कर नई भर्ती शुरू करने के लिए रिक्त पदों का अधियाचन उपलब्ध कराने को कह चुकी हैं। अधियाचन नहीं मिलने पर भर्ती अटकी हुई है। इस बारे में शासन को पत्र भेजकर शिकायत भी दर्ज कराई जा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि अधियाचन तो दूर, बेसिक शिक्षा परिषद ने रिक्त पदों का डाटा तक उपलब्ध नहीं कराया है। जब तक अधियाचन नहीं मिला, तब तक नई भर्ती के लिए विज्ञापन भी जारी नहीं किया सकता।