नई दिल्ली, । अधिकारी की सौतेली मां को पेंशन से इनकार पर सुप्रीम कोर्ट ने वायु सेना से सवाल किया। अदालत ने कहा वह इस बात की जांच करेगा।
- बेसिक शिक्षा विभाग बरेली एवं मिशन शिक्षण संवाद द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रकृति मित्र शिक्षक सम्मान समारोह में प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग कराये जाने के सम्बन्ध में।
- एन0बी0टी0 नई दिल्ली एवं सी0आई0आई0एल0 मैसूर के माध्यम से समग्र शिक्षा योजनान्तर्गत परिषदीय विद्यालयों के पुस्तकालयों हेतु क्रय की जाने वाली पुस्तकों के सम्बन्ध में।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 खेल कूद सामग्री क्रय हेतु दिशा निर्देश विषयक
- परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास मद के अन्तर्गत विद्युतीकरण आदि सम्बन्धी कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में आंवटित की गयी धनराशि के सापेक्ष उपभोग प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में।
- Updatemart : 30 जून तक विद्यालयों में शिक्षकों के लिए भी अवकाश घोषित करने की मांग को लेकर विधायक ने लिखा सीएम को पत्र
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के उस फैसले पर सवाल उठाया जिसमें छह साल की उम्र से अपने सौतेले बेटे का पालन-पोषण करने वाली एक महिला को पारिवारिक पेंशन देने से इनकार कर दिया गया। पीठ ने कहा कि मां एक बहुत व्यापक शब्द है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने वायुसेना के वकील से कहा कि उदाहरण के लिए, जैविक मां के निधन के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। सौतेली मां बच्चे को पाल पोसकर बड़ा करती है और जब वह सेना में अधिकारी बन गया तो क्या वह महिला उसकी मां नहीं होगी?

पारिवारिक पेंशन के लिए नियम बनाए गए हैं वहीं, वायु सेना के वकील ने भारतीय वायुसेना के निर्णय को उचित ठहराने का प्रयास करते हुए कहा कि ऐसे अनेक निर्णय हैं जिनमें सौतेली मां को पारिवारिक पेंशन नहीं दी गई। वकील ने कहा कि इस अदालत के ऐसे निर्णय हैं जो सौतेली मां शब्द की व्याख्या करते हैं। नियमों के अंतर्गत एक सुस्थापित मानदंड है कि कौन पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र है।