प्रयागराज। सिविल लाइंस स्थित शिक्षा निदेशालय में आग लगने का कारण जानने के लिए अग्निशमन विभाग की टीम सोमवार सुबह दस बजे घटनास्थल पर पहुंची। जिन तीन कमरों में आग लगी थी, उनकी जांच की गई। साथ ही पता लगाया कि घटना के 24 घंटे बाद भी कमरे से कहीं धुआं तो नहीं निकल रहा है। हालांकि, अग्निशमन विभाग को आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

हजारों फाइल जलने के मामले में बिल्डिंग में बिजली व्यवस्था और आग से बचने के इंतजाम को लेकर पोल खुल गई है। पूरे बिल्डिंग परिसर में खुले में बिजली के तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। जगह-जगह खुले तार हैं। यही नहीं, बिल्डिंग परिसर में आग बुझाने के इंतजाम भी पूरी तरह से चौपट हैं। प्रवेश द्वार के पास ही अग्निशमन यंत्र लगा हुआ है। लेकिन, ये दिखने में काफी पुराना है।
- अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण के सम्बन्ध में।
- Primary ka master: परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, संविलियित विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में हीट वेव (धूप एवं लू) से बचाव व सुरक्षा के सम्बन्ध में।
- शिक्षकों को तकनीकी, शैक्षिक और नेतृत्व दक्ष बनाना सरकार का लक्ष्य : संदीप
- प्रधानाचार्य के समर्थन में ग्राम प्रधान के साथ अभिभावकों ने सौंपा ज्ञापन
- Primary ka master: पढ़ाई के साथ खेलों में भी निपुण होंगे स्कूलों के छात्र, हर स्कूल में बनेगा स्पोर्ट्स क्लब
इसपर चस्पा स्टीकर में भी कुछ नहीं लिखा है। यहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि ये न जाने कितने सालों से ऐसा ही लगा है। इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। जिन जगहों पर अग्निशमन यंत्र लगा भी तो वह एक्सपायरी डेट के हैं। यानी अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो बचने के कोई खास इंतजाम नहीं है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ. आरके पांडेय ने बताया कि जांच की जा रही है।
चर्चा… कंप्यूटर खुला होने से शॉर्ट सर्किट की आशंका
शनिवार और रविवार को कार्यालय बंद होने के बावजूद आग की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। विभाग में चर्चा है कि कंप्यूटर खुला होने की वजह से शॉर्ट सर्किट हुआ होगा। जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। अगर बिजली को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया जाता तो शायद यह हादसा नहीं होता