लखनऊ: देश की सर्वाधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण की जोरदार तैयारी कर ली है। सरकार शीघ्र की जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करेगी।
उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है। आयोग के अध्यक्ष रिटायर जस्टिस एएन मित्तल प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौप सकते हैं। इसको सोमवार देर शाम को ही सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपा जाना था। सीएम के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर लखनऊ लौटने के बाद ही आयोग उनको प्रस्ताव सौंप देगा।
आयोग ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक 2021 का प्रारूप तैयार किया था और उस पर लोगों से सुझाव मांगे थे। निर्धारित समय में यह सुझाव मिलने के बाद आयोग ने दो बच्चों को लेकर कानून के मसौदे को अंतिम रूप दिया है।
यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव राज्य विधि आयोग ने तैयार किया गया है। जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपाय के सुझाव प्रदान किए गए हैं। इस प्रस्ताव को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। 19 जुलाई 2021 तक इस प्रस्ताव पर जनता से राय मांगी गई थी। आयोग ने इस पर विचार करने के बाद इस प्रस्ताव को सरकार को सौंपने की तैयारी की है।यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव में दो या दो से कम बच्चे वाले अभिभावकों को विभिन्न प्रकार की सुविधा प्रदान की जा रही है एवं दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावकों को कई सुविधाओं से वंचित रखने का प्रावधान शामिल किया गया है।
राज्य विधि आयोग ने यूपी जनसंख्या कानून का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव किसी सरकारी आदेश पर नहीं बल्कि आयोग ने खुद तैयार किया है। इसमें प्रस्ताव है कि दो से अधिक बच्चे होने की स्थिति में सरकारी नौकरी में आवेदन से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लडऩे तक पर रोक लगाई जा सकती है। इस प्रस्ताव में कानून का उल्लंघन करने वाले नागरिकों को 77 सरकारी योजनाओं एवं अनुदान से वंचित रखने का भी प्रावधान शामिल किया गया है।
यदि यह कानून लागू किया जाता है तो इस इस कानून के माध्यम से वह सभी परिवार जो परिवार नियोजन के उपाय अपनाएंगे उनको विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे और वह सभी परिवार जो इस कानून का उल्लंघन करेंगे उन्हेंं विभिन्न प्रकार के लाभों से वंचित रखा जाएगा।