उत्तर प्रदेश में प्राइमरी विद्यालयों और जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापकों को टैबलेट मिलेगा। राज्य सरकार ने आईआईटी कानपुर से इस बारे में राय मांगी है। बुधवार को कानपुर पहुंचे बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
राज्य सरकार की योजना के मुताबिक इस टैबलेट प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को दिए जाने वाले इस टैबलेट में स्कूलों की निगरानी से संबंधित सारे एप होंगे। टैबलेट की खरीद के लिए सर्व शिक्षा अभियान ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस पूरी योजना पर सरकार 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बुधवार को कानपुर के बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में आयोजित गुरु वंदना कार्यक्रम में भाग लेने आए बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि प्रधानाध्यापकों को टैबलेट दिए जाने हैं। इसके लिए एक समिति आईआईटी कानपुर की राय लेगी। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस टैबलेट के जरिये प्रधानाचार्य सभी योजनाओं के बारे में शासन तक अपडेट करेंगे। हालांकि इससे पहले भी सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों को टैबलेट देने की बात उठ चुकी है लेकिन बजट के अभाव में इसे रोक दिया गया। अब इस शैक्षिक सत्र में इसे लागू किया जाएगा।
इसी से लगेगी बच्चों और शिक्षकों की हाजिरी
प्रदेश में अब इसके जरिये स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों की हाजिरी भी लिये जाने की तैयारी है। इससे सुबह प्रार्थना सभा का फोटो भी मंगवाया जाएगा और एक सॉफ्टवेयर के जरिये हेड काउंट भी किया जाएगा ताकि ये निश्चित हो सके कि कितने बच्चे स्कूल आए हैं। चूंकि प्रदेश के हर स्कूल की जियो टैगिंग है, यानी उस स्कूल का अक्षांश और देशांतर भी फोटो के साथ दर्ज हो जाएगा। इससे कोई भी फर्जी फोटो नहीं भेजी जा सकेगी। वहीं किसी दूसरी जगह से यह हाजिरी नहीं लगाई जा सकेगी।