प्रयागराज: यूपी बोर्ड के वर्ष 2021 के परिणाम से असंतुष्ट विद्यार्थी महज एक महीने की तैयारी पर अंकसुधार की परीक्षा देंगे। इसका ऑनलाइन आवेदन 29 अगस्त की रात 12 बजे पूरे हो गया। यूपी बोर्ड ने पहले तो कक्षा 10 और 12 के 56 लाख से अधिक बच्चों का रिजल्ट बनाने का फॉर्मूला तैयार किया।
परिणाम घोषित किया तो उसमें बोर्ड खुद फेल हो गया। हाईस्कूल के 82,238 और इंटर के 62,506 बच्चों के अंकपत्र पर अंक नहीं थे और उन्हें प्रमोट कर दिया गया। जब बच्चों ने बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों से संपर्क किया तो उनसे अंकसुधार परीक्षा में शामिल होने को बोल दिया गया।
बच्चों से 27 अगस्त तक प्रधानाचार्य को फॉर्म जमा करने को कहा गया था और प्रधानाचार्यों को 29 अगस्त तक फॉर्म जमा करना था। अंक सुधार परीक्षा 18 सितंबर से शुरू होनी है। सवाल यह है कि कोरोना काल में जब परीक्षा निरस्त कर दी गई और बच्चे अगली कक्षा की तैयारी करने लगे तो अचानक महज एक महीने की तैयारी में अंकसुधार परीक्षा कैसे दें। यदि एक लाख से अधिक बच्चों के अंकपत्र पर अंक नहीं हैं तो उसके लिए किसकी जिम्मेदारी तय की और क्या कार्रवाई हुई। अंकसुधार परीक्षा के लिए कितने परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है, यह बताने की स्थिति में बोर्ड नहीं है।