गोरखपुर जिले में आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त 1147 पदों के लिए लगभग 20 हजार अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। इसमें से लगभग आठ हजार अभ्यर्थियों ने अपने शैक्षिक एवं अन्य प्रमाणपत्र जिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में जमा कर दिया है, लेकिन अधिकांश अभ्यर्थी अपने प्रमाणपत्रों की छायाप्रति जमा करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे वे चयन प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह ने आवेदकों से जल्द से जल्द प्रमाणपत्रों की छायाप्रति जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में जमा करने के लिए कहा है।
जानकारी के अनुसार, प्रदेशभर में लगभग 50 हजार से अधिक आंगनबाड़ी व सहायिका के पद लंबे समय से रिक्त हैं। प्रदेश सरकार की ओर से इन रिक्त पदों को भरने के लिए सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिशा निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के अलग अलग जिलों में चयन की प्रक्रिया शुरू हुई। गोरखपुर में पहले 4 अक्तूबर तक ऑनलाइन आवेदन करने की समय सीमा निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर 14 अक्तूबर कर दिया गया। 14 अक्तूबर तक 20 हजार आवेदकों ने आवेदन किया है।
इधर बहुत से अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन करने के बाद खामोश हो गए, जबकि चयन के समय जो ऑनलाइन फॉर्म भरा गया है, उसका मिलान कराने के लिए प्रमाणपत्र जरूरी है। दोनों के मिलान के बाद ही तय होगा कि किसकी मेरिट अधिक है। विभाग के जिम्मेदारों की माने तो ऑनलाइन आवेदन में दी गई जानकारी को सत्यापित करने के लिए प्रमाणपत्रों का होना जरूरी है। इसलिए विभाग द्वारा बार बार आवेदकों ने प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह ने कहा कि जिन आवेदकों ने आंगनबाड़ी या सहायिका पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है, उन्हें अपने सभी प्रमाणपत्राें की छायाप्रति जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में जमा करनी होगी। प्रमाणपत्रों के परीक्षण बिना चयन संभव नहीं है। इसलिए जिन्होंने अपने प्रमाणपत्रों की छायाप्रति जमा नहीं की है, वे जल्द से जल्द जमा कर दें। प्रमाणपत्र के अभाव में वे भर्ती प्रक्रिया से वंचित हो सकते हैं।