बारा। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ब्लॉक इकाई जसरा व शंकरगढ़ की संयुक्त बैठक तहसील मुख्यालय बारा स्थित भार्गव सदन में सम्पन्न हुई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष वसीम अहमद ने कहा कि सरकार की तानाशाही और शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी एवम शिक्षामित्रों के साथ उपेक्षात्मक रवैया को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।14 सितम्बर व 5 अक्टूबर को ज्ञापन के माध्यम से सरकार से समाधान करने का अनुरोध किया जा चुका है, किन्तु अब तक समस्याएं जस की तस बनी हुई है। 28 अक्टूबर को कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के आह्वान पर जिला मुख्यालय पर आयोजित एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में शामिल हो कर अपनी मांगों का पुरजोर समर्थन करेगे।
संयुक्त अधिकार मंच में मांग पत्र में शिक्षामित्रों को नियमित किया जाए और मृतक शिक्षामित्रों के आश्रित को नौकरी दी जाए। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। सरकार शिक्षामित्रों का शोषण कर रही है। यदि उत्तर प्रदेश सरकार चाहती तो 5000 शिक्षामित्र काल के गाल में न समाते। उन्हें परिवार चलाने और जीविकोपार्जन में कठिनाइयों का सामना न करना पड़ता तो आत्महत्या जैसे कदम कदापि न बढ़ाते | अब शिक्षामित्रों के सामने आंदोलन के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं है। आगामी 28 अक्टूबर को एक एक शिक्षामित्र अपने अधिकार और सम्मान के लिए धरना प्रदर्शन में प्रतिभाग करेगा यदि समय रहते सरकार के कान में जूं नही रेगी तो आगामी चुनाव में शिक्षामित्र सरकार से बगावत की राह अपनाएंगे।
संचालन कर रहे ब्लॉक अध्यक्ष जसरा / यमुनापार प्रभारी सुमन्त भार्गव ने कहा कि स्र ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान करने वादा की थी लेकिन साढ़े चार साल से ज्यादा सम व्यतीत होने के बावजूद भी सरकार ने अपना वादा पूरा नही किया है। सरकार के वादा खिलाफी से खिन्न शिक्षामित्रों ने हुंकार भरी है और धरना प्रदर्शन करेंगे।
बैठक में आशीष जायसवाल, दशरथ भारती, मोहम्मद अफजल सिद्दीकी, पुष्पा पटेल, मनोज कुमार, रामकितन यादव, विजय रावत, राकेश कुमार, पूरन कोल, राधवेंद्र सिंह, चंद्र शेखर, विजय प्रकाश, अशोक त्रिपाठी, रवि पांडेय, आशा देवी, वंदना श्रीवास्तव, रीता शुक्ला, आरती त्रिपाठी, काशीराम, कनीज फातमा, आदि दर्जनों शिक्षामित्र मौजूद रहे ।