मिर्जापुर। प्रदेश सरकार ने स्नातक कक्षाओं में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं में लैपटाप वितरीत करने का फैसला किया है। लैपटाप वितरण की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को सौंपी गई है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय ने कालेजों को पत्र भेज कर 13 नवंबर तक सभी छात्र-छात्राओं का आवेदन विश्वविद्यालय की वेव साइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। विश्वविद्यालय के इस आदेश से डिग्री कालेजों के प्राचार्यों की समस्या बढ़ गई है। कालेज प्रशासन को 24 घंटे के अंदर सभी छात्र-छात्राओं का आवेदन पत्र आधार और मेल आईडी लेकर विश्वविद्यालय की वेव साइट पर अपलोड करना काफी मुश्किल होगा। यहीं नहीं अभी स्नातक द्वितीय वर्ष का रिजल्ट ही नहीं घोषित किया गया है। ऐसे में द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राएं लैपटाप से वंचित हो जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने स्नातक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटाप मुहैया कराने का फैसला किया है। लगभग माह भर पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी वर्ष में छात्र-छात्राओं को लुभाने के लिए इसका एलान किए थे। अपनी योजना को मूर्त रूप देने के लिए प्रदेश सरकार ने लैपटाप वितरण कराने का कार्य विश्वविद्यालयों को सौंप दिया है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय से जिले के अनुदानित और निजी कालेजों के प्राचार्यों को पत्र भेज कर 13 नवंबर तक सभी छात्र-छात्राओं का नाम, रजिस्ट्रेशन नम्बर, आधार कार्ड और मेल आईडी विश्वविद्यालय की वेव साइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। विश्वविद्यालय से पत्र मिलते ही कालेज प्रशासन छात्र-छात्राओं से आवेदन भरवाने में जुट गया है। केबीपीजी कालेज के प्राचार्य डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि प्रत्येक कालेज में एक नोडल अफसर भी नियुक्त किया जाएगा। उसी के माध्यम से लैपटाप वितरीत कराया जाएगा।