सुल्तानपुर। लगभग आठ माह से कन्वर्जन कॉस्ट की राह देख रहे विद्यालयों को वित्तीय वर्ष की पहली किस्त मिलेगी। वहीं, पांच करोड़ 26 लाख 45 हजार 897 रुपये की धनराशि मध्याह्न भोजन निधि खातों में भेजी जाएगी। एमडीएम से आच्छादित विद्यालयों में दो लाख 91 हजार 590 विद्यार्थी पंजीकृत है।
जिले में 1450 परिषदीय प्राथमिक विद्यालय, 271 कंपोजिट विद्यालय, 343 उच्च प्राथमिक विद्यालय, सात मदरसा, 55 सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, 58 सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज व 11 राजकीय इंटर कॉलेज संचालित हैं। प्राथमिक स्तर पर 1,94,591 तथा जूनियर स्तर पर 96,999 विद्यार्थी इन विद्यालयों में पंजीकृत हैं। इन सभी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक मध्याह्न भोजन योजना संचालित होती है। अप्रैल से विद्यालयों में एमडीएम की कन्वर्जन कॉस्ट की धनराशि भेजी नहीं गई थी। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से विद्यालय अगस्त तक बंद थे। अगस्त के अंतिम सप्ताह में जूनियर स्तर तथा सितंबर के प्रथम सप्ताह से प्राथमिक स्तर के विद्यालय बच्चों के लिए खोले गए।
विद्यालय खुलने के बाद कन्वर्जन कॉस्ट की अनुपलब्धता में एमडीएम संचालन की व्यवस्था किसी तरह प्रधानाध्यापकों की ओर से की जा रही थी। अब जिले को 5,26,45,897 रुपये कन्वर्जन कॉस्ट के रूप में आवंटित हुए हैं। इसमें प्राथमिक विद्यालयों को तीन करोड़ 16 लाख 70 हजार 906 तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों को दो करोड़ नौ लाख 74 हजार 991 रुपये आवंटित किए गए हैं। मध्याह्न भोजन योजना की जिला समन्वयक संदीप यादव ने बताया कि शासन की ओर से प्राप्त धनराशि को एमडीएम निधि खातों में भेजे जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जल्द ही यह धनराशि मध्याह्न भोजन निधि खातों में भेज दी जाएगी।
प्राथमिक में 4.97 तथा जूनियर में 7.45 रुपये की दर से मिलेगा पैसा
कन्वर्जन कास्ट की धनराशि प्राथमिक स्तर पर 4.97 रुपये प्रति छात्र प्रति दिन की औसत से भेजा जाएगा। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 7.45 रुपये प्रति छात्र प्रतिदिन की दर से पैसा एमडीएम निधि खातों में भेजा जाएगा। विद्यालयों में एमडीएम बनाने में प्रयोग होने वाले सरसों के तेल, सब्जी मसाला, नमक, हरी सब्जी, गैस सिलेंडर रिफिलिंग समेत अन्य कार्य इसी कन्वर्जन कॉस्ट के पैसे से किए जाएंगे। संवाद