संस्कृत विद्यालयों में संविदा शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली की शिकायत की गई है। आरोप है कि एक प्रबंधक के बेटे को उसी विद्यालय में चयनित किया गया है। उसे साक्षात्कार में 80 में 74 नंबर दिए गए, जबकि दूसरे नंबर पर रहे अभ्यर्थी को महज 20 अंक दिए हैं।
जिले के अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए रिक्त 50 पदों पर संविदा शिक्षकों की भर्ती के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से आवेदन मांगे गए थे। पचास पदों के सापेक्ष लगभग 13 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया।
अक्तूबर माह के प्रथम पखवारे में इसके लिए साक्षात्कार हुआ। साक्षात्कार और शैक्षिक गुणांक के आधार अंतिम मेरिट सूची बनाई गई। जिला विद्यालय निरीक्षक ओर से 17 अक्तूबर को परिणाम जारी किया गया। अब परिणाम जारी होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार में चहेतों को जमकर नंबर देने और अन्य अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है।
मेजा निवासी नीरज कुमार जैन का आरोप है कि उन्होंने अपने इलाके में स्थित विद्यालय के लिए आवेदन किया था। उनका शैक्षिक गुणांक सौ है, जबकि साक्षात्कार में महज 20 अंक मिले हैं, वहीं चयनित अभ्यर्थी जो कि विद्यालय प्रबंधक के बेटे हैं, उनको साक्षात्कार में 80 में 74 अंक दिए गए हैं। जबकि उनका शैक्षिक गुणांक महज 47 है। इसी तरह का मामला अन्य विद्यालयों में सामने आया है।
जिन अभ्यर्थियों का शैक्षिक गुणांक अधिक है, उन्हें पहले नंबर पर चयनित अभ्यर्थी के मुकाबले साक्षात्कार में बहुत कम अंक दिए गए हैं। नीरज का आरोप है कि साक्षात्कार में जमकर धांधली हुई। करीबी लोगों को चयनित करने के लिए साक्षात्कार में जमकर नंबर लुटाए गए हैं। नीरज का दावा है कि उन्हें टीजीटी -2021 में 115 अंक और जूनियर हाईस्कूल भर्ती परीक्षा में 121 अंक मिले हैं। नीरज ने मामले की शिकायत शिक्षा निदेशक से की है। उन्होंने मांग किया है जारी सूची को निरस्त कर, फिर से सूची जारी की जाए।