रविवार को होने वाली उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। परीक्षा केंद्रों पर सख्त पहरा बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए एसटीएफ हाई अलर्ट पर है। सभी जिलों में एलआईयू पहले से ही सक्रिय है। परीक्षा की शुचिता एवं पवित्रता बनाए रखने के लिए डीजीपी मुख्यालय खुद सक्रिय है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में डीजीपी को पत्र भी लिखा था। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि जोन, रेंज व जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परीक्षा व्यवस्था पर नजर रखेंगे। उन्हें संवेदनशील केंद्रों का दौरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती कराई जा रही है।
अध्यापक पात्रता परीक्षा 2021 में प्रशासन व पुलिस का पूरा जोर सोशल मीडिया पर पेपर लीक की अफवाह रोकने पर है। खुद डीजीपी मुख्यालय का सोशल मीडिया सेल इसकी निगरानी कर रहा है। परीक्षा केन्द्र की 200 मीटर की परिधि में किसी के आने-जाने पर रोक रहेगी। यूपीटीईटी परीक्षा कुल 2,554 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। नकल की रोकथाम के लिए सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा होगी। इसमें करीब 21.5 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे।
परीक्षा केंद्र की गतिविधियों पर राज्य स्तर पर बनाए कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के जरिए नजर रखी जाएगी। सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक सूचना फैलाने वालों पर तत्काल साइबर अपराध नियंत्रण कानून के तहत कठोर कार्रवाई और एफआईआर की जाएगी। प्रश्नपत्र व ओएमआर शीट को कोषागार के डबल लॉकर से ले जाने की जिम्मेदारी स्टैटिक मजिस्ट्रेट की होगी। इसे खोलते समय वीडियो रिकार्डिंग अनिवार्य है। परीक्षा केन्द्र के भीतर किसी भी उपस्थित अधिकारी, पर्यवेक्षक, केन्द्र व्यवस्थापक के पास मोबाइल फोन या किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रानिक डिवाइस या कैमरा नहीं होना होना चाहिए। संवेदनशील स्थलों के स्थानीय स्तर से इंटरनेट भी बाधित किया जा सकता है। अम्बेडकरनगर में जिलाधिकारी ने परीक्षा केन्द्रों के पास इंटरनेट बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
डीएम को अहम जिम्मा
मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि उत्तरपुस्तिकाओं को परीक्षा नियामक प्राधिकारी के कार्यालय तक पहुंचाने का जिम्मा जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी और डीआईओएस का होगा। उत्तरपुस्तिकाओं के सील्ड बंडल व अन्य सामग्री पुलिस स्कार्ट के साथ 30 नवम्बर तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी तक पहुंचाए जाएंगे। परीक्षा नकलविहीन कराने का जिम्मा जिलाधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारियों का होगा।