विधानसभा चुनावों के बीच केंद्रीय आम बजट में यूपी के लिए अलग से कुछ विशेष किए जाने उम्मीद तो नहीं थी। लेकिन, केंद्र ने चुनावी मर्यादा का ध्यान रखते हुए भी यूपी पर भरपूर दरियादिली दिखाई है। विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं व करों में हिस्सेदारी के रूप में यूपी को दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन का संकेत किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में यूपी को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 146498.76 करोड़ रुपये देने का एलान किया है। इसके अलावा 15,003 करोड़ रुपये 15 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अंतर्गत विभिन्न मदों में मिलेंगे। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) व जल जीवन मिशन के अतर्गत प्रदेश में क्रमश: 1900 करोड़ व 12,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। इसी तरह केंद्र सरकार ने 2022-23 में देश में 25 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनवाने का एलान किया है। इसमें प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट पर 16,350 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। वित्त वर्ष 2022-23 तक प्रदेश में करीब 1533 किमी. लंबाई में एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा, जिस पर करीब 46,627 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस तरह प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को भरपूर रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
आम बजट में केन-बेतवा लिंक परियोजना का एलान किया गया है। यह परियोजना यूपी व मध्य प्रदेश राज्य को बड़ी फायदा देने वाली है। इस प्रोजेक्ट पर 44,605 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को खासतौर से फायदा होगा। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ किसानों की सिंचाई क्षमता में बड़ी वृद्धि करेगा बल्कि बिजली उत्पादन की भी योजना है। वित्त वर्ष 2022-23 में इस प्रोजेक्ट पर 1,400 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी है। इसके अलावा जल श्रोत, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं पर प्रदेश में 957 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। इसके अंतर्गत नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर 500 करोड़, अटल भूजल योजना के तहत 170 करोड़ तथा सिंचाई से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट पर 194 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश को 6241.06 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
इन प्रमुख एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पर काम करेगा केंद्र
– कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे- 63 किमी.
– वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे- 642 किमी.
– गोरखपुर सिलीगुड़ी कॉरिडोर-520 किमी.
– सोनौली व गोरखपुर के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक पहुंच के लिए-80 किमी.
यूपी को इन प्रोजेक्ट से भी मिलेगा बड़ा लाभ
– गंगा नदी के किनारे 5 किमी चौड़े कारिडोर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का एलान किया गया है। जिन किसानों की जमीन इस दायरे में पड़ेगी उन्हें इस योजना में मदद दी जाएगी। यूपी में गंगा नदी का बड़ा हिस्सा पड़ता है, जिसका फायदा प्रदेश के किसानों को मिलेगा।
– केंद्र ने 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये का फंड राज्यों की मदद के लिए उपलब्ध कराने का एलान किया है। राज्य इससे 50 वर्ष के लिए ब्याजमुक्त ऋण ले सकेंगे। यूपी अपनी विकास योजनाओं के लिए इस फंड का लाभ उठा सकेगा। इसके अलावा केंद्र ने आगामी वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 4 प्रतिशत तय किया है। बिजली सेक्टर में सुधारों को लागू कर प्रदेश 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण ले सकेगा।
केंद्र ने 2022-23 को राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। इसके अंतर्गत मोटे अनाज केउत्पादन, वैल्यू एड करने व राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय ब्राडिंग में मदद की जाएगी। प्रदेश सरकार बुंदेलखंड में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इस योजना का अधिकतम लाभ उठाया जा सकेगा।
– केंद्र ने 80 लाख नए मकान बनाने का एलान किया है। प्रदेश में बड़ी संख्या में आवास विहीन लोग उपलब्ध हैं। पूर्व से तय लक्ष्य पूरा होने की वजह से नए लाभार्थी चयनित नहीं हो पा रहे थे। केंद्र केएलान से प्रतीक्षित लाभार्थियों को भी आवास मिल सकेगा।
– केंद्र ने मेट्रो परियोजनाओं पर करीब 150 करोड़ का आवंटन बढ़ाकर 19130 करोड़ कर दिया है। यूपी में कानपुर, आगरा सहित कई मेट्रो प्रोजेक्ट चल रहे हैं। राज्य इनमें इसका लाभ उठा सकेगा।
पटरी पर आई अर्थव्यवस्था से यूपी को 35 हजार करोड़ का अतिरिक्त लाभ
कोविड महामारी की वजह से दो वर्ष से चुनौतियों का सामना कर रहे प्रदेश को बेहतर होती अर्थव्यवस्था का फायदा मिलने जा रहा है। यूपी को वित्त वर्ष 2022-23 में अपने बजटीय अनुमान से करीब 20 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिलेंगे। चालू वित्त वर्ष में भी बजट अनुमान से करीब 15 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिलने जा रहे हैं। इस तरह सुधार की राह पर तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था से प्रदेश को करीब 35 हजार करोड़ रुपये का फायदा होने वाला है।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में यूपी को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 1,19,395.30 करोड़ रुपये आवंटित करने का लक्ष्य तय किया था। मगर कोविड महामारी से उबर रही अर्थव्यवस्था का फायदा यूपी को मिलने जा रहा है। केंद्र ने आम बजट के साथ चालू वित्त वर्ष के बजट का पुनरीक्षित अनुमान भी पेश किया है। इसके मुताबिक यूपी को चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में अब 1,33,984.26 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह वित्त वर्ष के शुरुआती अनुमानों से 14,588.96 करोड़ रुपये ज्यादा है।
इसी तरह प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने वित्त वर्ष 2022-23 का राज्य का लेखानुदान पेश करते हुए केंद्र से केंद्रीय करों में हिस्सेदारी मद के तहत 1,26,383.61 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद जताई थी। पर केंद्र ने 2022-23 में अर्थव्यवस्था के और भी तेज होने का अनुमान लगाते हुए यूपी को इस मद के अंतर्गत 1,46,498.76 करोड़ रुपये देने का एलान किया है। इस तरह केंद्र का प्रस्तावित आवंटन राज्य के अनुमान से 20,115.15 करोड़ रुपये ज्यादा है। ऐसे में यूपी को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ रुपये व अगले वित्त वर्ष में 20 हजार क रोड़ रुपये से अधिक अतिरिक्त प्राप्त होने वाले हैं। इस तरह करीब 35 हजार करोड़ रुपये अनुमान से अधिक मिलेंगे। इसका फायदा प्रदेश को सीधे तौर पर मिलेगा। इसमें अन्य योजनाओं व परियोजनाओं से मिलने वाली राशि शामिल नहीं है।
चुनाव बाद आने वाली सरकार के लिए बड़ी राहत
योगी सरकार ने अपने पांच वर्ष में से लगभग तीन वर्ष कोविड महामारी की चुनौतियों के बीच बिताया है। इसका असर प्रदेश के राजकाज पर भी पड़ा। वित्तीय सीमाओं की वजह से सरकार तमाम काम नहीं कर पाई। पर, सुधर रही अर्थव्यवस्था में यूपी की आय में तेजी से वृद्धि का अनुमान है। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी, 15 वित्त आयोग की संस्तुतियों के तहत मिलने वाले आवंटन, सुधारों की कसौटी पर 50 वर्ष के लिए ब्याजमुक्त ऋण की सहायता के अलावा केंद्रीय योजनाओं से जुड़े प्रोजेक्ट में मिलने वाले हिस्से से यूपी के विकास को तेज रफ्तार मिल सकेगी। जो भी सरकार सत्ता में आएगी, उसे अपने वादे पूरे करने में इस सकारात्मक माहौल से बड़ी मदद मिलेगी।