प्रदेश में उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के सभी विद्यार्थियों को टैबलेट और स्मार्टफोन के लिए लंबा इंतजार करना होगा। टैबलेट और स्मार्टफोन आपूर्ति का ठेका लेने वाली आईटी कंपनियां 18 लाख में से 12 लाख आपूर्ति नहीं कर सकी है। प्रदेश सरकार ने कंपनियों के खिलाफ जुर्माना लगाने की कवायद शुरू की है।
प्रदेश सरकार ने 2021 में स्नातक, स्नातकोत्तर, तकनीकी, डिप्लोमा, कौशल विकास, पैरा मेडिकल और नर्सिंग सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययरत 68 लाख विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और टैबलेट देने का निर्णय किया था। शिक्षण संस्थानों की ओर से 50 लाख विद्यार्थियों का डाटा अपलोड किया गया। प्रदेश सरकार ने टैबलेट और स्मार्टफोन वितरण के लिए यूपीडेस्को को नोडल संस्था नामित किया था। यूपीडेस्को की ओर से किए गए टेंडर में देश की प्रमुख आईटी कंपनी लावा, सैमसंग और एसर ने 12,700 रुपये प्रति टैबलेट की दर से आपूर्ति करने पर सहमति दी है।
जबकि लावा और सैसमंग ने 10,800 रुपये की दर से स्मार्टफोन की आपूर्ति करने पर सहमति दी है। कंपनियों को तीन महीने में कुल 18 लाख स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित करने का आर्डर दिया गया था। कंपनियां तीन महीने में केवल 12 लाख स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित कर सकी है।
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने बताया कि अब तक जिलों में साढ़े तीन लाख विद्यार्थियों को टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किए गए है। कंपनियां अब तक केवल 12 लाख टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित कर सकी है। उन्होंने बताया कि कंपनियों पर टैबलेट और स्मार्टफोन की आपूर्ति नहीं कर पाने के कारण जुर्माना भी लगाया गया है इसकी वसूली उनकी जमानत राशि से की जाएगी।
दो करोड़ टैबलेट स्मार्टफोन के लिए दोबारा होगा टेंडर
अरविंद कुमार ने बताया कि योजना वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए ही थी। सरकार के संकल्प पत्र में दो करोड़ विद्यार्थियों को टैबलेट और स्मार्टफोन देने की घोषणा है उसके लिए सरकार की मंजूरी मिलने के बाद नए सिरे से टेंडर किए जाएंगे।
100 दिन में बंट जाएंगे टैबलेट स्मार्टफोन
अरविंद कुमार ने बताया कि 12 लाख में से साढ़े तीन लाख विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और टैबलेट बंट चुके है। और शेष जिलों में पहुंच गए है। विभाग की सौ दिन की कार्ययोजना में सभी जिलों में शेष साढ़े आठ लाख टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित करने का लक्ष्य रखा है।
इसलिए नहीं हो सकी आपूर्ति
अरविंद कुमार का कहना है स्मार्टफोन और टैबलेट में उपयोग होने वाले तकनीकी उपकरणों का उत्पादन कम हो रहा है इसलिए कंपनियां समय पर उत्पादन नहीं कर सकी। रुस और यूक्रेन युद्ध के चलते भी तकनीकी उपकरणों की आपूर्ति प्रभावित हुई है।