इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को कांस्टेबल भर्ती-2015 के एक ओबीसी अभ्यर्थी की नियुक्ति पर छह सप्ताह में विचार करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमसेरी ने कांस्टेबल भर्ती-2015 के अभ्यर्थी इमरान खान की याचिका पर उसके अधिवक्ता सुनील यादव को सुनकर दिया है। अधिवक्ता सुनील यादव ने कोर्ट को बताया कि याची ने ओबीसी कैटेगरी में ऑनलाइन आवेदन किया था। कागजात की जांच के दौरान उसने आरक्षण के समर्थन में निर्धारित अवधि के जाति प्रमाणपत्र के साथ दो निवास प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था। इसके कारण उसे भर्ती बोर्ड ने सामान्य श्रेणी की सूची में डालते हुए असफल कर दिया था। जबकि याची ने ओबीसी कैटेगरी के कट ऑफ से ज्यादा नंबर हासिल किए थे। एडवोकेट यादव ने यह भी कहा कि भर्ती बोर्ड विज्ञापन में निवास प्रमाणपत्र के लिए कोई तिथि निर्धारित नहीं की थी इसलिए मात्र दो निवास प्रमाणपत्र देने के आधार पर याची को ओबीसी आरक्षण का लाभ न देना अवैधानिक है और हाईकोर्ट की विभिन्न विधि व्यवस्थाओं के विरुद्ध है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए याची को ओबीसी अभ्यर्थी मानते हुए आरक्षण का लाभ प्रदान करने और याची को ओबीसी कैटेगरी में नियुक्ति प्रदान करने पर छह सप्ताह में विचार करने का आदेश दिया है।