लखनऊ : अपने दूसरे कार्यकाल के एक माह में 100 दिनों से लेकर पांच वर्ष तक की कार्ययोजनाओं का खाका खींच चुकी योगी सरकार अंत्योदय के संकल्प को साकार करने के लिए अब जनता के द्वार पहुंचेगी। सरकार के मंत्री जनता के बीच जाकर विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे, योजनाओं की हकीकत जानेंगे, कानून व्यवस्था की समीक्षा के अलावा जनता से उसकी समस्याओं व उनके समाधान के बारे में फीडबैक हासिल करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में 18 मंत्री समूह गठित किये हैं जो विधानमंडल के बजट सत्र से पहले मंडलवार दौरे कर 15 मई तक अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपेंगे।
मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री भवन में मंत्रिपरिषद की विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से ‘सरकार जनता के द्वार’ कार्यक्रम की कार्ययोजना साझा की। योगी ने मंत्रियों से कहा कि सभी विभागों की 100 दिन, छह माह, एक वर्ष, दो वर्ष और पांच वर्ष की कार्ययोजनाएं तैयार हो चुकी हैं। अब इन कार्ययोजनाओं को साकार करने का समय है। सभी मंत्री विभागीय अधिकारियों का मार्गदर्शन करें। परियोजनाओं में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित कराएं। अब ‘सरकार जनता के द्वार’ पहुंचेगी। 18 मंत्री समूह गठित किए गए हैं। दोनों उप मुख्यमंत्रियों की टीम में एक-एक राज्य मंत्री शामिल हैं। बाकी मंत्री समूह तीन सदस्यीय होंगे। यह 18 समूह प्रदेश के 18 मंडलों का भ्रमण करेंगे। भ्रमण का कार्यक्रम शुक्रवार से रविवार तक होगा। पहले चरण में प्रदेश भ्रमण करने के बाद मंत्री समूहों को रोटेशन प्रणाली के तहत दूसरे मंडलों की जिम्मेदारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री खुद अयोध्या मंडल का भ्रमण कर सकते हैं।
कानून व्यवस्था पर भी होगा फोकस : मुख्यमंत्री ने मंत्री समूह को मंडल भ्रमण के दौरान कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान महिला सुरक्षा के मामलों, एससी/एसटी के प्रकरणों में अभियोजन की स्थिति, पुलिस की गश्त, बाल यौन अपराधों, व्यापारियों की समस्याओं, गैंगस्टर पर कार्रवाई आदि के पूरे विवरण पर गौर करने का निर्देश दिया। मंत्री समूह की भ्रमण रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपे जाने के बाद मंत्रिपरिषद की बैठक में उस पर चर्चा होगी। इसके बाद जनहित में और कदम उठाए जाएंगे।
लखनऊ में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई जिसमें कई अहम प्रस्ताव पारित हुए (संबंधित सामग्री पेज 2) ’ सूचना विभाग
अंत्योदय का संकल्प साकार करने को योगी ने साझा की कार्ययोजना
’>>शुक्रवार से रविवार तक करेंगे भ्रमण और जिलों में बिताएंगे रात, मुख्यमंत्री कर सकते हैं अयोध्या मंडल का दौरा
विगत पांच वर्ष में टीम यूपी ने जनअपेक्षाओं के अनुरूप विकास और सुशासन का माडल प्रस्तुत किया है। अब हमारी प्रतिस्पर्धा हमसे ही है। हमें जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप आचरण करते हुए प्रदेश के समग्र विकास के लिए कार्य करना होगा।
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री
जिलों में ही रात बिताएंगे मंत्री
मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्री समूहों के हर सदस्य को रात्रि विश्रम किसी जिले में सरकारी अतिथि गृह में ही करना होगा। सभी मंत्रियों को सोमवार व मंगलवार को अनिवार्य रूप से राजधानी में रहना होगा। शुक्रवार से रविवार तक उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र/प्रभार के जिलों में जनता के बीच रहने का कार्यक्रम बनाना होगा।
जन चौपाल लगाएंगे मंत्री
योगी ने मंत्री समूह को भ्रमण के दौरान जन चौपाल कार्यक्रम के जरिये जनता से सीधा संवाद करने की हिदायत दी। किसी एक विकास खंड/तहसील का आकस्मिक निरीक्षण करने के लिए कहा। दलित/मलिन बस्ती में सहभोज होगा। विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर उनकी गुणवत्ता परखने और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भेंट कर उनका फीडबैक लेने पर भी जोर दिया।
वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को दी गई जिम्मेदारी
केशव प्रसाद मौर्य – आगरा मंडल
ब्रजेश पाठक – वाराणसी मंडल
सूर्य प्रताप शाही – मेरठ मंडल
सुरेश कुमार खन्ना- लखनऊ मंडल
स्वतंत्र देव सिंह – मुरादाबाद मंडल
बेबी रानी मौर्य – झांसी मंडल
लक्ष्मी नारायण चौधरी- अलीगढ़ मंडल
जयवीर सिंह- चित्रकूट धाम मंडल
धर्मपाल सिंह – गोरखपुर मंडल
नंदगोपाल गुप्ता ‘नंदी’- बरेली
भूपेंद्र सिंह चौधरी – मीरजापुर मंडल
अनिल राजभर – प्रयागराज मंडल
जितिन प्रसाद – कानपुर मंडल
राकेश सचान – देवीपाटन मंडल
अर¨वद शर्मा – अयोध्या मंडल
योगेंद्र उपाध्याय – सहारनपुर मंडल
आशीष पटेल – बस्ती मंडल
संजय निषाद – आजमगढ़ मंडल
टीम हर जिले में कम से कम 24 घंटे बिताएगी, लेगी फीडबैक
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिवसीय मंडलीय भ्रमण के दौरान हर टीम को एक जिले में कम से कम 24 घंटे रहना होगा। टीम का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ मंत्री कम से कम दो जिलों का भ्रमण करेंगे। बाकी मंत्रियों को सुविधानुसार एक-एक जिले की जिम्मेदारी दी जाए। मंडलीय भ्रमण के दौरान मंत्री समूह एक मंडलीय समीक्षा बैठक करेगा जिसमें जिलों को वचरुअली जोड़ा जा सकता है। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। भ्रमण कार्यक्रम के दौरान मंत्री पूर्व जनप्रतिनिधियों/ संगठन/ विचार परिवार के सदस्यों के साथ भी बैठक करेंगे और उनकी अपेक्षाओं, समस्याओं व सुझावों को सुनकर उसका निदान कराने का प्रयास करेंगे। मंडलीय समीक्षा बैठकों में विभागीय प्रस्तुतीकरण भी होंगे