प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाला पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति परिलाभों का हकदार है। कोर्ट ने कहा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को सेवा से इस्तीफा नहीं माना जा सकता क्योंकि इस्तीफा देने और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के उद्देश्य में फर्क होता है। नगर पालिका खुर्जा में 30 वर्ष से अधिक सेवारत रहने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मचारी को पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया है। परिलाभों का भुगतान करने से इन्कार करने के स्थानीय निकाय के निदेशक का आदेश रद्द कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने देवदत्त की याचिका पर दिया है।
याची का कहना था कि उसने नगर पालिका परिषद खुर्जा में लगभग साढ़े 32 वर्ष सेवा की। उसके बाद उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया लेकिन उसे न तो पेंशन दी जा रही है और न ही सेवानिवृत्ति परिलाभ दिए गए। प्रत्यावेदन को निदेशक ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि याची ने सेवा से त्यागपत्र दिया है इसलिए वह किसी भी प्रकार की पेंशन या सेवानिवृत्ति परिलाभ पाने का हकदार नहीं है।
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